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अर्थशास्त्री एडम स्मिथ: आधुनिक अर्थशास्त्र का जनक – UPSC दृष्टिकोण से एक विश्लेषण

जब भी आधुनिक अर्थशास्त्र की बात होती है, एक नाम सर्वोपरि बनकर उभरता है — एडम स्मिथ। 18वीं सदी के इस स्कॉटिश विचारक ने न केवल अर्थशास्त्र को एक स्वतंत्र विषय के रूप में स्थापित किया, बल्कि पूंजीवाद की बुनियादी विचारधाराओं की नींव भी रखी। UPSC जैसे परीक्षाओं में, उनकी विचारधारा का गहन विश्लेषण आवश्यक है, खासकर जब प्रश्न अर्थव्यवस्था, नीतिगत निर्णय या विकास की अवधारणा पर आधारित होते हैं।

🧠 एडम स्मिथ कौन थे?

  • जन्म: 5 जून 1723, स्कॉटलैंड
  • मृत्यु: 17 जुलाई 1790
  • प्रमुख कृतियां:
    • The Theory of Moral Sentiments (1759)
    • An Inquiry into the Nature and Causes of the Wealth of Nations (1776)
  • उपाधि: Father of Modern Economics
  • समकालीन विषय: नैतिक दर्शन, राजनीतिक अर्थशास्त्र

📘 ‘The Wealth of Nations’ का UPSC संदर्भ में महत्व

यह पुस्तक वही है जो ‘दशरथ’ के लिए ‘राम’ हैं — आधुनिक अर्थशास्त्र की जड़ें इसी में हैं।

मुख्य अवधारणाएं:

  • लैसेज़-फेयर (Laissez-Faire): सरकार की न्यूनतम भूमिका; अर्थव्यवस्था को स्वाभाविक प्रवाह से चलने देना चाहिए। एडम स्मिथ के अनुसार सरकार की भूमिका तीन सीमित क्षेत्रों तक होनी चाहिए: (1)राष्ट्रीय रक्षा (2)न्याय व्यवस्था (3)सार्वजनिक निर्माण कार्य।
  • अदृश्य हाथ (Invisible Hand): व्यक्ति जब अपने निजी हित में कार्य करता है, तो वह अनजाने में समाज के हित में भी योगदान देता है।
    • उदाहरण: जब व्यापारी लाभ कमाने के लिए अच्छे उत्पाद बेचता है, तो वह उपभोक्ताओं की ज़रूरतें भी पूरी करता है।
  • विभाजन कार्य (Division of Labour): श्रम विभाजन से उत्पादकता बढ़ती है:
    • उदाहरण: स्मिथ ने पिन बनाने वाली फैक्ट्री का उदाहरण दिया – जहां 10 कर्मचारी मिलकर 48,000 पिन बना सकते थे, जबकि एक व्यक्ति अकेले मुश्किल से 20 पिन ही बना सकता है।
  • मूल्य का सिद्धांत (Labour Theory of Value): वस्तु का मूल्य उसके उत्पादन में लगने वाले श्रम से निर्धारित होता है।i
  • मुक्त व्यापार और प्रतिस्पर्धा (Free Trade & Competition) सरकार को व्यापार में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। प्रत्येक देश को उन्हीं वस्तुओं का उत्पादन करना चाहिए जिनमें वह दक्ष हो। प्रतिस्पर्धा से उपभोक्ता को बेहतर वस्तुएं कम कीमत पर मिलती हैं।

🏛️ समकालीन विचारकों के साथ तुलनात्मक दृष्टिकोण

विचारक प्रमुख विचार तुलना एडम स्मिथ से
कार्ल मार्क्स श्रमिकों के शोषण की अवधारणा, पूंजीवाद की आलोचना Smith का पूंजीवाद समर्थक दृष्टिकोण विरोध में
जॉन स्टुअर्ट मिल Utilitarianism और स्वतंत्रता स्मिथ ने भी Individual Freedom पर बल दिया
केन्स राज्य की सक्रिय भूमिका Smith: न्यूनतम राज्य हस्तक्षेप

🏗️ भारतीय नीतियों पर प्रभाव

  • Economic Survey और Union Budget में 'Invisible Hand' शब्द का उल्लेख
  • भारत की Liberalisation नीति Smith की प्रेरणा का परिणाम मानी जाती है
  • FDI, Privatisation, और Start-up India जैसे कार्यक्रमों में Smith की सोच प्रतिबिंबित होती है

🔎 UPSC Prelims और Mains में संभावित प्रश्न

✅ Prelims (Objective):

प्रश्न 1: The phrase 'invisible hand' is associated with:
a) Karl Marx
b) J.S. Mill
c) Adam Smith ✅
d) Amartya Sen

प्रश्न 2: Who is considered as the father of modern economics?
उत्तर: Adam Smith

📝 Mains (Subjective):

  • “In the context of India’s economic development, discuss the relevance of Adam Smith’s idea of laissez-faire.”
  • “Critically evaluate the invisible hand concept in light of India’s social sector initiatives.”

🔚 निष्कर्ष

एडम स्मिथ एक विचारक से बढ़कर एक नीति-निर्माण की आधारशिला हैं। UPSC की दृष्टि से, उनके विचार केवल सैद्धांतिक नहीं हैं बल्कि भारत की अर्थनीति में गहराई से अंतर्निहित हैं। जो अभ्यर्थी उनकी विचारधारा को समकालीन भारतीय परिप्रेक्ष्य से समझता है, वही निबंध, GS-3 और इंटरव्यू में श्रेष्ठ उत्तर देने में सक्षम होता है।