world history decoded syllabus
UPSC द्वारा जारी किया गया संक्षिप्त पाठ्यक्रम
- विश्व के इतिहास में 18 वीं सदी की घटनाएं यथा औद्योगिक क्रांति , विश्व युद्ध , राष्ट्रीय सीमाओं का पुनः सीमांकन , उपनिवेशवाद , उपनिवेशवाद की समाप्ति , राजनीतिक दर्शन शास्त्र जैसे साम्यवाद , पूंजीवाद , समाजवाद आदि शामिल होंगे , उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव ।
पाठ्यक्रम में बताई बातों का विस्तार:
औद्योगिक क्रांति
- पुनर्जागरण काल
- समुद्री मार्गों की खोज
- सुधार
- काउंटर सुधार
- यूरोपीय राष्ट्र उत्तरी अमेरिका को बसाते हैं
- दास व्यापार का उदय
- अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम
- फ्रेंच क्रांति
- यूरोप में राष्ट्रवाद
- पूंजीवाद, उपनिवेशवाद और साम्राज्यवाद का उदय
पहला विश्व युद्ध
- युद्ध के कारण
- युद्ध का दायरा और पाठ्यक्रम
- रुसी क्रांति
- युद्ध और शांति संधियों का अंत
- युद्ध के परिणाम
- राष्ट्रों का संघटन
दो युद्धों के बीच की दुनिया
- युद्ध के बाद यूरोप - फासीवाद और नाज़ीवाद
- व्यापक मंदी
- सोवियत संघ का उदय
- एशिया और अफ्रीका में राष्ट्रवादी आंदोलन
- एक मजबूत शक्ति के रूप में अमेरिका
द्वितीय विश्व युद्ध
- फासीवादी आक्रमण और पश्चिमी लोकतंत्रों की प्रतिक्रिया
- युद्ध का प्रकोप
- युद्ध के थिएटर
- युद्ध में अमेरिका का प्रवेश
- युद्ध की वैश्विक प्रकृति
- प्रलय
- प्रतिरोध आंदोलन
- युद्ध के बाद के प्रभाव
राष्ट्रीय सीमाओं का औपनिवेशीकरण और पुनर्निर्धारण
- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप
- शीत युद्ध
- एशिया और अफ्रीका का उदय
- पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका में विकास
- साम्यवाद का प्रसार
- कोरियाई युद्ध
- वियतनाम युद्ध
- क्यूबा संकट
- सोवियत संघ का पतन
राजनीतिक दर्शन की अवधारणा, प्रकार और सामाजिक प्रभाव
- साम्यवाद
- पूंजीवाद
- समाजवाद
Posted: 06/06/2022, Monday