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अर्थशास्त्र, अर्थव्यवस्था क्या है, विषय संरचना एवं उसके अंतर्गत टॉपिक्स

अर्थशास्त्र क्या है

'अर्थशास्त्र' शब्द संस्कृत शब्दों अर्थ (धन) और शास्त्र की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है - 'धन का अध्ययन'। ये धन का अध्ययन सामाजिक विज्ञान के अंतर्गत आता है। सामाजिक विज्ञान क्या है इसे समझने के लिए मैने नीचे विषयों के वर्गीकरण का ट्री दिया है आप उससे अधिक अच्छे से समझ पाएंगे।

ज्ञान (Knowledge)
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├── दर्शन (Philosophy) ← सभी शाखाओं की जड़
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├── मानविकी (Humanities)
│   ├── इतिहास (History)
│   ├── भाषा (Linguistics)
│   ├── साहित्य (Literature)
│   ├── कला (Arts, Music, Aesthetics)
│   └── धर्मशास्त्र (Theology)
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├── सामाजिक विज्ञान (Social Sciences)
│   ├── राजनीति विज्ञान (Political Science)
│   ├── अर्थशास्त्र (Economics)
│   ├── समाजशास्त्र (Sociology)
│   ├── मनोविज्ञान (Psychology)
│   ├── नृविज्ञान (Anthropology)
│   ├── भूगोल (Human Geography)
│   └── शिक्षा (Education)
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└── प्राकृतिक विज्ञान (Natural Sciences)
    ├── भौतिकी (Physics)
    ├── रसायन (Chemistry)
    ├── जीवविज्ञान (Biology)
    ├── गणित (Mathematics)
    └── भूविज्ञान (Geology)

अर्थशास्त्र के अंतर्गत अध्ययन के उपक्षेत्र

अर्थशास्त्र (Economics) एक व्यापक विषय है जिसमें विभिन्न उपविषय (Subtopics) शामिल होते हैं। यह विषय मुख्यतः दो प्रमुख शाखाओं में विभाजित होता है: सूक्ष्म अर्थशास्त्र (Microeconomics) और समष्टि अर्थशास्त्र (Macroeconomics)। इनके अंतर्गत कई उपविषय आते हैं। नीचे विस्तार से बताया गया है:

1. सूक्ष्म अर्थशास्त्र (Microeconomics)

2. समष्टि अर्थशास्त्र (Macroeconomics)

3. विकासात्मक अर्थशास्त्र (Development Economics)

4. पर्यावरणीय अर्थशास्त्र (Environmental Economics)

5. अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र (International Economics)

6. लोक वित्त (Public Finance)

7. मौद्रिक अर्थशास्त्र (Monetary Economics)

8. कृषि अर्थशास्त्र (Agricultural Economics)

9. श्रम अर्थशास्त्र (Labour Economics)

आर्थिक विकास UPSC प्रीलिम्स डिकोडेड सिलेबस देखें

अर्थव्यवस्था क्या है

अर्थव्यवस्था (Economy) वह प्रणाली है जिसके अंतर्गत किसी देश या समाज में संसाधनों का उत्पादन (production), वितरण (distribution), और उपभोग (consumption) किया जाता है। इसमें यह तय होता है कि किन वस्तुओं और सेवाओं का निर्माण होगा, कौन उन्हें बनाएगा, और कैसे व किसके बीच उनका वितरण किया जाएगा।

सरल शब्दों में समझें: अगर कोई किसान गेहूं उगाता है, व्यापारी उसे बाजार में बेचता है, और उपभोक्ता (आप और हम) उसे खरीदते हैं—तो यह पूरी प्रक्रिया अर्थव्यवस्था का हिस्सा है।

अर्थव्यवस्था के घटक

अर्थव्यवस्था के प्रकार

भारत की अर्थव्यवस्था:

भारत एक मिश्रित अर्थव्यवस्था है, जहाँ निजी और सरकारी दोनों प्रकार की संस्थाएँ काम करती हैं। यहाँ कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र – तीनों मुख्य स्तंभ हैं।