UPSC विस्तृत नोट्स कैसे बनाएं, टॉपर्स नोट्स मेकिंग गाइडेंस एवं विस्तृत रणनीति
विस्तृत नोट्स से मतलब है किसी विषय के सम्पूर्ण पार्ट्स को अपने अनुसार, अपनी भाषा में ढालना। विस्तृत नोट्स बनाने के बाद आपको विभिन्न किताबों को बार बार देखने की जरूरत नहीं पड़ती, साथ ही अपने स्वयं के नोट्स रिवाइज करने में भी आसान रहते हैं।
विस्तृत नोट्स कैसे बनाएं ? टॉपर्स रणनीति
देखिए, विस्तृत नोट्स बनाना अलग बात है और नोट्स बनाने की रणनीति अलग बात है। क्योंकि रणनीति से मतलब है कि आप किस तरह से प्रथम अध्ययन शुरू करने के बाद नोट्स बनाने वाले पड़ाव तक पहुंचेंगे और फिर कैसे बनाएंगे। क्या गलतियां नहीं करनी है, कैसे एक ही बार में नोट्स बना लिए जाएं, कैसे टॉपिक के सारे पक्ष एक ही बार में कवर कर लिए जाए। उदाहरण के लिए हम भूगोल को लेकर चलते हैं कि अगर आपको भूगोल के विस्तृत नोट्स बनाने हो तो कैसे बनाओगे:
- सबसे पहले आप भूगोल विषय को पढ़ेंगे की उस विषय में क्या क्या है, कौनसे टॉपिक्स है, किस तरह के टॉपिक्स है।
- एक बार पढ़ने के बढ़ आप भूगोल के विभिन्न टॉपिक्स का upsc परीक्षा की दृष्टि से उनका महत्त्व समझेंगे, जिसके लिए आप सिविल सर्विस परीक्षा में पिछले वर्षों में पूछे गए प्रश्नों को ध्यान से पढ़ेंगे और समझेंगे की upsc ने भूगोल के किन टॉपिक्स से किस तरह के प्रश्न कितनी बार पूछे हैं। इससे आपको अनुमान हो जाएगा कि आपको नोट्स किन टॉपिक्स पर कितने विस्तृत एवं कितने डाइमेंशन में बनाने हैं।
- जब आपको पता चल गया है कि नोट्स किन टॉपिक्स के और कितने विस्तृत और किस तरह के बनाने है तो अगला कदम एक एक कर सारे टॉपिक्स के नोट्स बनाने का है।
- लेकिन आप सीधे ही सारे नोट्स यूं ही नहीं बनाएंगे, अगर ऐसे ही बना लिए तो आपको बार बार बदलना पड़ेगा, आपको हमेशा ही लगता रहेगा कि आपके नोट्स अधूरे हां न और आप नोट्स पूरे ही नहीं कर पाएंगे।
- इसके लिए जरूरी है कि आप विस्तृत नोट्स बनाने के लिए पहले किसी एक टॉपिक को लेंगे और उसके रफ नोट्स बनाएंगे।
- फिर उस रफ नोट्स वाले टॉपिक्स से पिछले वर्षों में पूछे गए प्रश्नों को हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको लगता है कि आप उन नोट्स से अच्छे से आंसर नहीं लिख पा रहे हैं तो आपके नोट्स अभी अधूरे हैं, वो सम्पूर्ण नहीं है या उस तरह के नहीं है जिस तरह के नोट्स की upsc परीक्षा में जरूरत पड़ती है।
- इसके लिए आप सबसे पहले उन pyq प्रश्नों के मॉडल उत्तर देखेंगे, अगर आपको लगता है कि उन मॉडल उत्तरों में कुछ ऐसी जानकारियां है जो मैने नोट नहीं कर रखी है तो उन्हें भी नोट कर लेवे।
- बहुत से बच्चों का कन्फ्यूजन होता है कि विस्तृत नोट्स बनाएं या शॉर्ट नोट्स, प्रीलिम्स और मैंस के नोट्स एकसाथ बनाएं या अलग अलग, इसलिए आगे बढ़ने से पहले ही बता दूं कि हम लोग upsc नोट्स कई चरणों में बनाते हैं जो कि इस प्रकार है:
- सबसे पहले हम केवल मैंस को ध्यान में रखकर रफ नोट्स बनाते हैं
- फिर हम आंसर राइटिंग करते हुए मैंस विस्तृत नोट्स बनाते हैं
- फिर हम प्रीलिम्स के लिए अलग से विषयवार प्रीलिम्स नोट्स बनाते हैं। (निश्चित रूप से अधिकत्तर जानकारियां मैंस के लिए बनाए गए विस्तृत नोट्स से ही ली जाती है)
- प्रीलिम्स नोट्स कंप्लीट होने के बाद हमलोग प्रीलिम्स का रिवीजन और मैंस आंसर राइटिंग शुरू करते हैं।
- जब आंसर राइटिंग कर रहे होते हैं तो हम मैंस के अलग से शॉर्ट नोट्स बनाते हैं जिनमे केवल कीवर्ड्स होते हैं या कुछ परिभाषाएं होती है ताकि एग्जाम में जल्दी याद आ जाए। इनका परीक्षा टाइम में रिवीजन करना भी आसान रहता है।
- जब प्रीलिम्स नजदीक आता है तो हमलोग प्रीलिम्स नोट्स को शॉर्ट करते हैं और साथ ही करेंट अफेयर्स को उनमें जोड़ देते हैं। (अधिकतर टॉपर्स करेंट अफेयर्स के नोट्स नहीं बनाते हैं और उन्हें PT365 मैगजीन से परीक्षा से पहले 3 माह में ही कवर करते हैं।)
- जब प्रीलिम्स पास नहीं होता तो प्रीलिम्स और मैंस के नोट्स को एकसाथ कर लिया जाता है और उनमें वैल्यू एडिशन किया जाता है। (ज्यादत्तर का पहली बार में क्लियर नहीं होता है और वैल्यू एडिशन मटेरियल इन्हीं के लिए होता है)
- साथ ही इस स्टेज में वो वैल्यू एडिशन के लिए टॉपर्स नोट्स का भी सहारा लेते हैं, उन्हें बहुत सारा मैटेरियल टॉपर्स के नोट्स में बहुत अच्छी तरह से मिल जाता है।
- जब दूसरी बार प्रीलिम्स क्लियर हो जाता है तो टॉपर्स प्री + मैंस नोट्स के सहारे आंसर राइटिंग करते हुए फिर से मैंस के शॉर्ट नोट्स बनाते हैं। (क्योंकि उन्हें लगता है की उनके पिछले वाले मैंस के शॉर्ट नोट्स उतने अच्छे क्वालिटी वाले नहीं है।)
- जिनका मैंस निकल जाता है वो टॉपर्स नोट्स से इंटरव्यू नोट्स बनाते हैं और उसकी तैयारी करते हैं।
- जिनका मैंस नहीं निकलता, उनमें से अधिकतर अपने नोट्स को फिर से फेरबदल करते हैं और कुछ लोग उन्ही पहले वाले नोट्स को ही अच्छे से रिवाइज करते हैं। (इन्ही के लिए टॉपर्स सलाह देते हैं कि अपने सोर्सेज को लिमिटेड रखो और बार बार रिवाइज करो।)
नोट्स बनाने के कई चरण
विस्तृत नोट्स मेकिंग के लिए टिप्स
- जितना हो सके संक्षिप्त में लिखें।
- बिंदु या पॉइंट्स बनाकर लिखें, नहीं तो अपने ही नोट्स समझ में नहीं आएंगे।
- हर बार पॉइंट्स की जगह कभी कभी डायग्राम बनाकर लिखें, डायग्राम बनाना नोट्स बनाने के साथ ही सीखा जाता है।
- माइंड मैप बनाकर लिखें, चीजें लंबे समय तक याद रहती हैं।
- भूगोल, राजनीति, सुरक्षा, IR में जहां मैप जरूरी हो नोट्स में मैप बनाएं।
- अलग अलग कलर के पेन का उपयोग करें, इससे अलग अलग तरह की चीजें आसानी से कैच हो जाती है। हेडिंग अलग कलर में लिखे, परिभाषाएं अलग कलर से लिखे, कम महत्त्वपूर्ण डाटा अलग कलर से लिखे।
- नोट्स में हर टॉपिक के लास्ट में कुछ जगह छोड़े ताकि कुछ नया जोड़ना हुआ तो जोड़ा जा सके।
- नोट्स सब्जेक्ट वाइज बनाएं, पेपर वाइज नहीं। क्योंकि इससे बोझ कम लगता है।
- नोट्स बिना लाइन वाली कॉफी में बनाएं, इससे रिवाइज करना आसान होता है।
- टॉपर्स नोट्स को देखकर ही अपने स्वयं के नोट्स बनाएं और अपने नोट्स भी टॉपर्स नोट्स जितने वैल्यू वाले होने चाहिए क्योंकि आप भी आने वाले समय में टॉपर बनने वाले हैं।
नोट्स मेकिंग पर विस्तृत चर्चाएं
- शॉर्ट नोट्स कैसे बनाएं ↗
- NCERT नोट्स कैसे बनाएं ↗
- CSAT नोट्स कैसे बनाएं ↗
- डायग्राम नोट्स कैसे बनाएं ↗
- संपूर्ण विषय की तैयारी कैसे करें ↗
विस्तृत नोट्स के फायदें
- आपके बार बार अलग अलग बुक्स नहीं देखनी पड़ती।
- कंटेंट आपकी भाषा में होता है इसलिए रिवीजन में आसानी रहती है।
- केवल महत्त्वपूर्ण जानकारी लिखी होती है इसलिए शॉर्ट नोट्स बनाने में आसानी।
- जब आप किसी टॉपिक के नोट्स बनाते हैं तो वह टॉपिक आपकी समझ में अच्छे से बैठ जाता है, इसलिए किसी टॉपिक को अच्छे से समझने के लिए भी नोट्स बनाए जाते हैं।
- नोट्स बनाने के साथ साथ किताबों का रिवीजन हो जाता है।
विस्तृत नोट्स जल्दी कैसे बनाएं
UPSC अध्ययन सामग्री (UPSC Study Material)
UPSC परीक्षा में सफलता के लिए सही अध्ययन सामग्री का चयन सबसे महत्वपूर्ण कदम है। IAS उम्मीदवारों को NCERT की किताबों से शुरुआत करनी चाहिए क्योंकि ये किताबें बुनियादी अवधारणाओं को स्पष्ट करती हैं और आपकी नींव मजबूत करती हैं। इसके अलावा, मानक संदर्भ पुस्तकें जैसे 'लक्ष्मीकांत' (राजनीति के लिए), 'स्पेक्ट्रम' (आधुनिक भारतीय इतिहास के लिए), और 'GC Leong' (भूगोल के लिए) को भी पढ़ना चाहिए।
ऑनलाइन स्रोतों जैसे PIB, PRS Legislative Research, और The Hindu या Indian Express के संपादकीय पृष्ठों को रोज़ाना पढ़ें और नोट्स बनाएं। इसके साथ ही, सरकार की योजनाओं और नीतियों से संबंधित सरकारी वेबसाइटों पर जाकर विश्वसनीय जानकारी प्राप्त करें।
अध्ययन सामग्री का विविधतापूर्ण सेट आपकी तैयारी को व्यापक बनाता है और आपको एक अलग दृष्टिकोण देता है, जिससे आप परीक्षा में अधिक आत्मविश्वास महसूस करेंगे।
UPSC नोट्स शुरुआती के लिए (UPSC Notes for Beginners)
यदि आप UPSC की तैयारी में नए हैं, तो नोट्स बनाना एक कला है जिसे सीखना अत्यावश्यक है। शुरू में, प्रत्येक विषय के लिए NCERT की किताबों को पढ़ें और अपने शब्दों में सरल और संक्षिप्त नोट्स तैयार करें। ये नोट्स बुनियादी अवधारणाओं को स्पष्ट करने में मदद करेंगे, जो आगे चलकर आपकी गहराई से अध्ययन करने में सहायक होंगे।
शुरुआत में, प्रत्येक टॉपिक के लिए एक 'Topic Wise' अप्रोच अपनाएँ, जिसमें हर टॉपिक के लिए 2-3 पेज का सारांश नोट्स बनाएं। बाद में, इन्हें अपने अनुसार संशोधित और विस्तृत करें।
नोट्स बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें:
- कंसीज़ (संक्षिप्तता): अनावश्यक विस्तार से बचें; केवल प्रमुख बिंदु और महत्वपूर्ण डेटा शामिल करें।
- रिविज़न फ्रेंडली: नोट्स को ऐसे बनाएं कि आप उन्हें जल्दी और आसानी से रिवाइज कर सकें।
- डायग्राम और फ्लो चार्ट: जटिल जानकारी को सरल बनाने के लिए उनका उपयोग करें।
- रंगों का उपयोग: महत्वपूर्ण बिंदुओं और तथ्यों को हाइलाइट करने के लिए विभिन्न रंगों का उपयोग करें।
UPSC नोट्स शुरुआती के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, इसलिए उन्हें सुव्यवस्थित और विस्तृत रूप में तैयार करना चाहिए ताकि आगे की पढ़ाई के दौरान यह रिविजन के लिए आसान हो।
नोट्स बनाने की तकनीकें (Techniques for Making Notes)
UPSC की तैयारी में नोट्स बनाने की सही तकनीक अपनाना सफलता की कुंजी है। यहां कुछ प्रभावी तकनीकें दी गई हैं:
- कॉर्नेल मेथड: यह तकनीक नोट्स को तीन हिस्सों में बांटने की सलाह देती है: एक बड़ा हिस्सा मुख्य नोट्स के लिए, एक छोटा हिस्सा कीवर्ड्स और प्रश्नों के लिए, और एक नीचे का हिस्सा सारांश के लिए। इससे रिविजन करना और महत्वपूर्ण बिंदुओं को जल्दी से पकड़ना आसान हो जाता है।
- माइंड मैप्स: विभिन्न टॉपिक्स को आपस में जोड़ने और उन्हें बेहतर ढंग से समझने के लिए माइंड मैप्स बनाएं। यह तकनीक जटिल विषयों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जैसे पर्यावरण और इकोलॉजी।
- फ़्लो चार्ट और टेबल्स: तथ्यों, तिथियों, और घटनाओं को याद रखने के लिए फ़्लो चार्ट और टेबल्स का उपयोग करें। इससे आपको महत्वपूर्ण सूचनाओं को जल्दी से याद करने में मदद मिलेगी और आपके नोट्स भी आकर्षक बनेंगे।
- रंगों का उपयोग: महत्वपूर्ण बिंदुओं और तथ्यों को हाइलाइट करने के लिए विभिन्न रंगों का उपयोग करें। रंगों के उपयोग से आपकी मेमोरी बेहतर होती है और परीक्षा के समय महत्वपूर्ण जानकारी को आसानी से याद किया जा सकता है।
नोट्स बनाने की इन तकनीकों को अपनाकर आप अपने अध्ययन को व्यवस्थित कर सकते हैं और महत्वपूर्ण जानकारी को आसानी से समझ और याद कर सकते हैं।
UPSC अध्ययन के सुझाव (UPSC Study Tips)
UPSC की तैयारी के लिए कुछ महत्वपूर्ण अध्ययन सुझाव जो आपके अध्ययन को प्रभावी और कुशल बना सकते हैं:
- एक स्टडी प्लान तैयार करें: UPSC के लिए एक सुनियोजित और व्यवस्थित स्टडी प्लान बेहद जरूरी है। अपने अध्ययन को दैनिक, साप्ताहिक और मासिक लक्ष्य में विभाजित करें ताकि आप समय पर पूरा कर सकें और अपनी तैयारी का मूल्यांकन कर सकें।
- डेली न्यूज़पेपर और करेंट अफेयर्स: रोज़ाना एक प्रमुख समाचार पत्र पढ़ें और महत्वपूर्ण घटनाओं के नोट्स बनाएं। UPSC में करेंट अफेयर्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, इसलिए उन्हें नजरअंदाज न करें।
- रेगुलर रिविज़न करें: कोई भी विषय पूरा करने के बाद नियमित रूप से उसका रिविजन करें। रिविज़न न केवल आपकी समझ को गहरा करता है, बल्कि आपको परीक्षा के समय जानकारी को तेजी से पुनःप्राप्त करने में भी मदद करता है।
- मॉक टेस्ट और प्रैक्टिस: नियमित रूप से मॉक टेस्ट दें और अपनी गलतियों से सीखें। यह आपकी समय प्रबंधन की क्षमता को सुधारने और परीक्षा के पैटर्न को समझने में मदद करेगा।
- स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखें: मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है। नियमित व्यायाम, सही आहार, और पर्याप्त नींद लें ताकि आप पढ़ाई के दौरान ऊर्जावान और केंद्रित रह सकें।
इन UPSC अध्ययन के सुझावों का पालन करने से आप अपनी तैयारी को और अधिक प्रभावी बना सकते हैं और परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।