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UPSC प्रथम अध्ययन (first reading) कैसे करें, विस्तृत रणनीति एवं टॉपर्स गाइडेंस


किसी विषय का प्रथम अध्ययन कैसे करें प्रभावी तरीका

  1. सबसे पहले एक बार उस विषय की किताब को दोनो ओर से तथा "लेखक के नाम पाठ" को ध्यान से पढ़ें, कि उस किताब में लेखक ने क्या क्या कंटेंट दिया है और वह किताब किस उद्देश्य से लिखी गई है। साथ ही लेखक आपको उस किताब में दिए गए कंटेंट टाइप की भी जानकारियां देता है।
  2. एकबार किताब के बारे में पढ़ने के बाद आपको उस किताब में दिए गए चैप्टर्स को ध्यान से पढ़ना चाहिए। (बहुत से लोगों को यह बोरिंग लगता है लेकिन अगर आप इन्हे ध्यान से नहीं पढ़ोगे, महत्त्वपूर्ण टॉपिक्स नहीं छांटोगे, लंबे चेप्टर को अलग नहीं करोगे, तो आप किसी किताब का व्यवस्थित अध्ययन नहीं कर पाओगे। आप कोई कहानी नहीं पढ़ रहे हैं upsc की तैयारी कर रहे हैं। आपके लिए बहुत जरूरी है की आप किसी किताब को एक रणनीति बनाकर व्यवस्थित तरीके से पढ़ें अन्यथा इतनी सारी किताबें हैं कि केवल प्रथम अध्ययन में ही एक दो साल लग जाएगा।)
  3. इतना सब होने के बाद अब आप किसी किताब को upsc के नजरिए से पहली बार पढ़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन अभी भी आपको एक रणनीति की आवश्यकता है।
  4. प्रथम अध्ययन की रणनीति क्या हो:
    • आप केवल महत्त्वपूर्ण या मुख्य विषयों (राजनीति, अर्थव्यवस्था, भूगोल, वैकल्पिक) को ही अधिक ध्यान से पढ़ें। बाकी विषय के लिए "फास्टेस्ट रीडिंग" तरीका अपनाएंगे।
    • आप केवल थ्योरी वाले चेप्टर (शुरुआती प्रमुख अध्याय) को ही पूरे ध्यान से पढ़ेंगे। अध्यायों के लिए आप "फास्टेस्ट रीडिंग" का तरीका अपनाएंगे।
    • फास्टेस्ट रीडिंग के लिए आप एक पेज लेंगे जहां आप पहले उस चेप्टर का नाम लिखेंगे जो पढ़ने वाले हो। चाहो तो उस चेप्टर के बारे में थोड़ा गुगल सर्च भी कर सकते हो। फिर सारी सबहेडिंग्स लिखेंगे। फिर कुछ लाइन में उस चेप्टर के बारे में 2-4 मोटी मोटी बातें जो उस चेप्टर के बारे में है और इन्हें आपको अपनी भाषा में लिखनी है। आप आपको केवल महत्त्वपूर्ण सब हेडिंग्स को ही मोटा मोटा पढ़ना है पूरे चेप्टर को नहीं पढ़ना है। अब उस पेज में थोड़ी और जानकारी देदो की इस चेप्टर में क्या है। (पेज में लिखना आपको बोरिंग लग सकता है पर यह बात है बहुत काम की। आप जब दूसरी बार उस बुक को खोलेंगे तो पहले इस पेज को पढ़ना, यकीन मानो आप एक बार में ही समझ जाएंगे कि उस चेप्टर में क्या है। इसके अलावा पूरी किताब पढ़ने के लास्ट तक आपके पास उस किताब के बारे में कई पेज होंगे, और आप केवल उन पेजों को पढ़कर जान पाएंगे की उस पूरी किताब में क्या क्या है।)
    • प्रथम अध्ययन में किसी एक विषय को आगे रखें, जिसका अध्ययन आपको सबसे पहले पूरा करना है, ताकि आप उसके pyq (पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों में पूछे गए प्रश्न) का विश्लेषण कर सके।
    • प्रथम अध्ययन में यह बहुत जरूरी है कि आप पहले केवल 3-4 महत्त्वपूर्ण विषयों की ही फर्स्ट रीडिंग कंप्लीट करे, बाकी विषयों का प्रथम अध्ययन upsc में विभिन्न विषयों का वेटेज जानकर ही करें।
    • UPSC में विभिन्न विषयों का वेटेज जानने के लिए आप PYQ विश्लेषण कर सकते हैं कि किस विषय से किस पेपर में कितने प्रश्न पूछे जाते हैं और कितने अंको के पूछे जाते है और उस विषय के किन टॉपिक्स से पूछे जाते हैं।

प्रथम अध्ययन के लिए टॉपर्स गाइडेंस

  1. सिलेबस को समझें: सबसे पहले सिलेबस का गहराई से अध्ययन करें ताकि आपको पता हो कि किस विषय पर ध्यान देना है।
  2. स्रोतों का चयन: विश्वसनीय किताबों और स्रोतों का चयन करें, जैसे NCERTs, प्रमुख पाठ्य पुस्तकें और मैनुअल्स।
  3. समय प्रबंधन: एक स्पष्ट टाइम टेबल बनाएं और प्रत्येक विषय के लिए पर्याप्त समय निर्धारित करें।
  4. मुख्य बिंदुओं को नोट करें: महत्वपूर्ण तथ्यों, परिभाषाओं और घटनाओं को संक्षेप में नोट करें।
  5. समीक्षा और संक्षेपण: पहले अध्ययन के दौरान कठिन बिंदुओं को ध्यान में रखें और उन्हें समझने के लिए अतिरिक्त स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें।
  6. पढ़ाई की प्रगति का मूल्यांकन: नियमित रूप से स्व-मूल्यांकन करें और जहां कमी लगे, वहां सुधार करें।
  7. ध्यान और फोकस: अध्ययन के दौरान पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करें और समझ को प्राथमिकता दें, न कि केवल पढ़ने को।
  8. रिवीजन योजना: पहले अध्ययन के बाद, नियमित रूप से रिवीजन करें ताकि आपको याद रहे और सामग्री को मजबूत कर सकें।

प्रथम अध्ययन के दौरान जरूरी गाइडेंस

हमेशा मोटिवेटेड कैसे रहें
संपूर्ण विषय को कैसे कवर करें
विस्तृत नोट्स कैसे बनाएं
शॉर्ट नोट्स कैसे बनाएं
गलतियां जो upsc एस्पिरेंट को नहीं करनी चाहिए

प्रथम अध्ययन के दौरान आने वाले डाउट्स एवं समस्याएं :

1. पहले अध्ययन के दौरान किन किताबों और स्रोतों का चयन करें?

  1. सिलेबस के अनुसार सामग्री: UPSC सिलेबस के अनुसार किताबें चुनें। बुनियादी विषयों के लिए NCERT की किताबें जैसे कि "Indian Polity", "Modern India", और "Physical and Human Geography" की बुक्स उपयोगी होती हैं।
  2. प्रमुख किताबें: महत्वपूर्ण किताबें और संदर्भ स्रोत जैसे "Indian Economy" (Ramesh Singh), "Historical India" (Bipin Chandra), और "General Studies Manual" (M. Laxmikanth) शामिल करें।
  3. आधिकारिक रिपोर्ट्स और डाटा: भारत सरकार की रिपोर्ट्स, आर्थिक सर्वेक्षण, और बजट दस्तावेज़ पढ़ें। ये नवीनतम आंकड़े और जानकारियाँ प्रदान करते हैं।
  4. करंट अफेयर्स: समसामयिकी के लिए विश्वसनीय समाचार पत्रिका और वेबसाइट्स जैसे The Hindu, Indian Express, और PIB का उपयोग करें।
  5. ऑनलाइन संसाधन: MOOC प्लेटफार्मों पर उपलब्ध अध्ययन सामग्री और वीडियो लेक्चर्स का उपयोग करें जो सिलेबस से संबंधित हों।

2. पहले अध्ययन के दौरान नोट्स कैसे बनाएं?

  1. मुख्य बिंदुओं का संक्षेप: पढ़ते समय महत्वपूर्ण बिंदुओं और अवधारणाओं को संक्षेप में नोट करें। इससे आप जल्दी से महत्वपूर्ण जानकारी को पुनः देख सकेंगे।
  2. संगठित संरचना: नोट्स को एक संगठित तरीके से लिखें, जैसे कि हेडिंग्स, सब-हेडिंग्स, और बुलेट प्वाइंट्स का उपयोग करें। इससे जानकारी को व्यवस्थित और समझने में आसान बनाए रखें।
  3. डायग्राम और चार्ट्स: जटिल विचारों और डेटा को सरल बनाने के लिए डायग्राम, फ्लो चार्ट्स और टेबल्स का उपयोग करें। यह दृश्य रूप में समझने में सहायक होता है।
  4. प्रस्तावना और निष्कर्ष: हर महत्वपूर्ण टॉपिक की शुरुआत में एक संक्षिप्त प्रस्तावना और अंत में निष्कर्ष लिखें। इससे आपको विषय का सारांश और मुख्य बिंदुओं की स्पष्ट समझ मिलेगी।
  5. नोट्स की समीक्षा: नियमित अंतराल पर अपने नोट्स की समीक्षा करें और उन्हें अपडेट करें। इससे आप नई जानकारी को शामिल कर सकेंगे और पुराने बिंदुओं को ताजा रख सकेंगे।

3. पहले अध्ययन के बाद रिवीजन की योजना कैसे बनाएं?

  1. समय सारणी तैयार करें: एक रिवीजन टाइम टेबल बनाएं जिसमें प्रत्येक विषय और उपविषय को उचित समय आवंटित किया गया हो। सुनिश्चित करें कि आप सभी महत्वपूर्ण विषयों को कवर करें और समय को विभाजित करें।
  2. नियमित रिवीजन: नियमित अंतराल पर रिवीजन करें, जैसे सप्ताहांत या हर महीने। इससे आप जानकारी को ताजा रख सकेंगे और लंबी अवधि तक याद रख सकेंगे।
  3. प्राथमिकता निर्धारित करें: उन विषयों को प्राथमिकता दें जिनमें आप कमजोर हैं या जो महत्वपूर्ण हैं। इन पर अधिक ध्यान दें और उन्हें बार-बार रिवाइज करें।
  4. प्रैक्टिस टेस्ट और मॉक टेस्ट: रिवीजन के दौरान प्रैक्टिस टेस्ट और मॉक टेस्ट लें। यह आपकी तैयारी की स्थिति को मापने में मदद करेगा और कमजोर क्षेत्रों को उजागर करेगा।
  5. नोट्स और सारांश का उपयोग: पहले अध्ययन के दौरान बनाए गए नोट्स और सारांश का उपयोग करें। ये रिवीजन को अधिक प्रभावी बनाएंगे और जल्दी से मुख्य बिंदुओं की समीक्षा करने में मदद करेंगे।

4. क्या पहले अध्ययन के दौरान करंट अफेयर्स को शामिल करना चाहिए?

पहले अध्ययन के दौरान करंट अफेयर्स को शामिल करना चाहिए, क्योंकि:

  1. सिलेबस का हिस्सा: UPSC सिलेबस में करंट अफेयर्स शामिल हैं, विशेषकर जनरल स्टडीज़ के पेपरों में। इसे समझना और शामिल करना आवश्यक है।
  2. समकालीन मुद्दों की समझ: करंट अफेयर्स को पढ़कर आप समकालीन मुद्दों, नीतियों और घटनाओं की समझ विकसित कर सकते हैं, जो परीक्षा में पूछे जा सकते हैं।
  3. नवीनतम जानकारी: करंट अफेयर्स से जुड़े अपडेट्स और विश्लेषण से आप नवीनतम घटनाओं और ट्रेंड्स से अवगत रहते हैं, जो मॉक टेस्ट और इंटरव्यू में मदद करते हैं。
  4. रिटेंशन और रिवीजन: करंट अफेयर्स को नियमित रूप से पढ़ने से जानकारी लंबे समय तक याद रहती है और रिवीजन के समय सहायक होती है।
  5. गौरवपूर्ण प्रश्न: UPSC के प्रश्न पत्रों में करंट अफेयर्स से संबंधित सवाल अक्सर होते हैं, इसलिए इसे पहले से ही शामिल करना आपकी तैयारी को बेहतर बनाता है।

5. पहले अध्ययन के दौरान समय प्रबंधन कैसे करें?

6. क्या पहले अध्ययन के दौरान क्वेश्चन बैंक या मॉक टेस्ट का उपयोग करना चाहिए?

पहले अध्ययन के दौरान क्वेश्चन बैंक या मॉक टेस्ट का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि:

  1. समझ को मापना: क्वेश्चन बैंक और मॉक टेस्ट से आप यह समझ सकते हैं कि आपने पढ़े हुए विषयों को कितनी अच्छी तरह समझा है और कहां सुधार की आवश्यकता है।
  2. परीक्षा की तैयारी: ये टूल्स परीक्षा के वास्तविक पैटर्न और प्रश्नों के प्रकार को समझने में मदद करते हैं, जिससे आप परीक्षा के माहौल के लिए तैयार हो सकते हैं।
  3. समय प्रबंधन: मॉक टेस्ट लेने से आप समय प्रबंधन के कौशल को सुधार सकते हैं और यह जान सकते हैं कि कितने समय में किस प्रकार के प्रश्नों को हल करना है।
  4. प्रेरणा और आत्ममूल्यांकन: नियमित मॉक टेस्ट और क्वेश्चन बैंक का उपयोग करने से आत्ममूल्यांकन और आत्मविश्वास बढ़ता है। यह आपको आपकी तैयारी के स्तर का आकलन करने में मदद करता है।
  5. कमजोर क्षेत्रों की पहचान: टेस्ट के माध्यम से आप अपनी कमजोरियों को पहचान सकते हैं और उन्हें सुधारने के लिए विशेष ध्यान दे सकते हैं।

7. क्या पहले अध्ययन के दौरान किसी कोचिंग के नोट्स का सहारा लेना उचित है?

पहले अध्ययन के दौरान किसी कोचिंग के नोट्स का सहारा लेना निम्नलिखित कारणों से उचित हो सकता है:

  1. संगठित जानकारी: कोचिंग के नोट्स आमतौर पर अच्छे से संगठित होते हैं, जो आपको सिलेबस की महत्वपूर्ण जानकारी को जल्दी से समझने में मदद करते हैं।
  2. समय की बचत: पहले अध्ययन के दौरान खुद से नोट्स बनाने के बजाय, कोचिंग के नोट्स का उपयोग करने से समय की बचत होती है, जिससे आप अधिक समय पढ़ाई और रिवीजन पर केंद्रित कर सकते हैं।
  3. अच्छी तैयारी: कोचिंग के नोट्स में उन बिंदुओं को शामिल किया जाता है जो अक्सर परीक्षा में पूछे जाते हैं। इससे आपको महत्वपूर्ण बिंदुओं को ध्यान में रखने में मदद मिलती है।
  4. विवरणात्मक सामग्री: ये नोट्स अक्सर विस्तृत और विश्लेषणात्मक होते हैं, जिससे जटिल विषयों को समझना आसान हो जाता है।
  5. समीक्षा और पुनरावलोकन: कोचिंग के नोट्स का उपयोग करके आप विषय की समीक्षा और पुनरावलोकन कर सकते हैं, जिससे आप महत्वपूर्ण अवधारणाओं को अधिक प्रभावी ढंग से याद कर सकते हैं।

8. प्रथम अध्ययन के समय टाइम मैनेजमेंट कैसे करें, टाइम टेबल कैसे बनाएं

  1. साप्ताहिक योजना: प्रत्येक सप्ताह की शुरुआत में एक योजना बनाएं जिसमें सभी विषयों और उपविषयों के लिए विशेष समय आवंटित किया गया हो। इसे अपने प्रमुख लक्ष्यों और समय सीमाओं के अनुसार तैयार करें।
  2. डेली टास्क लिस्ट: प्रतिदिन के लिए एक टास्क लिस्ट बनाएं जिसमें आप कौन से विषय पढ़ेंगे, नोट्स बनाएंगे, और किस प्रकार के मॉक टेस्ट लेंगे, यह शामिल करें।
  3. समय ब्लॉकिंग: अध्ययन सत्रों को समय ब्लॉक में विभाजित करें, जैसे 1-2 घंटे के सत्र के बाद 10-15 मिनट का ब्रेक लें। इससे आप लंबे समय तक ध्यान केंद्रित रख सकेंगे और थकावट कम होगी।
  4. प्राथमिकता निर्धारण: सबसे कठिन और महत्वपूर्ण विषयों को पहले पढ़ें जब आपका ध्यान और ऊर्जा अधिक हो। आसान या कम महत्वपूर्ण विषयों को बाद में पढ़ें।
  5. फ्लेक्सिबल टाइम टेबल: अपनी योजना को लचीला रखें ताकि आप अप्रत्याशित परिस्थितियों या अतिरिक्त समय की जरूरत को समायोजित कर सकें।
  6. समीक्षा और सुधार: अपनी टाइम टेबल की नियमित समीक्षा करें और आवश्यकतानुसार उसमें सुधार करें। यह सुनिश्चित करेगा कि आपकी योजना आपकी वास्तविक जरूरतों और प्रगति के अनुसार हो।

9. प्रथम अध्ययन के साथ साथ UPSC पेपरों का विश्लेषण कैसे करें, फास्टेस्ट तरीका

  1. पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र: पिछले 5-10 वर्षों के प्रश्न पत्रों को एकत्रित करें। यह आपको परीक्षा के पैटर्न, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों और महत्वपूर्ण विषयों की समझ प्रदान करेगा।
  2. प्रश्नों का वर्गीकरण: प्रश्न पत्रों को विभिन्न विषयों और उपविषयों के आधार पर वर्गीकृत करें। इससे आप देख सकते हैं कि कौन से विषय अधिक बार पूछे जाते हैं और किन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
  3. समय विश्लेषण: प्रत्येक प्रश्न को हल करने में लगने वाले समय को नोट करें। इससे आपको समय प्रबंधन के साथ-साथ कौन से प्रश्न आपके लिए कठिन हैं, यह समझने में मदद मिलेगी।
  4. उत्तर की समीक्षा: अपने उत्तरों की समीक्षा करें और उन्हें मूल्यांकन करें। देखें कि किस प्रकार के उत्तर अधिक अंक लाते हैं और किस प्रकार के उत्तर को सुधारने की आवश्यकता है।
  5. टॉपिक ट्रेंड्स: विश्लेषण करें कि कौन से विषय और टॉपिक्स में बदलाव आ रहे हैं। हाल की घटनाओं और नए मुद्दों को शामिल करने का प्रयास करें जो परीक्षा में पूछे जा सकते हैं।

10. सिलेबस के अनुसार पहले अध्ययन में क्या-क्या शामिल करना चाहिए?

Upsc तैयारी को परखने के लिए खुद से कौनसे सवाल पूछते रहना चाहिए

  1. क्या मैं सभी सिलेबस को कवर कर चुका हूँ?
  2. क्या मैंने पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को हल किया है?
  3. क्या मैं अपनी तैयारी के कमजोर क्षेत्रों को पहचान पाया हूँ?
  4. क्या मेरी समय प्रबंधन और परीक्षा रणनीति उचित है?
  5. क्या मैंने हाल की करंट अफेयर्स को ध्यान से पढ़ा है?
  6. क्या मेरी नोट्स और रिवीजन योजनाएँ व्यवस्थित हैं?
  7. क्या मैंने मॉक टेस्ट और प्रैक्टिस सेट का उपयोग किया है?