निवेश (Investment)
निवेश आय अर्जन के लिए उत्पादन गतिविधियों में पैसा लगाने की एक प्रक्रिया है।
निवेश (Investment) केवल पैसा लगाना नहीं है, बल्कि यह एक सुविचारित प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति या संस्था भविष्य में लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से वर्तमान में संसाधनों (जैसे कि धन, समय, श्रम) का उपयोग करते हैं।
निवेश के प्रकार (Types of Investment)
- वास्तविक निवेश (Real Investment): मशीनरी, जमीन, भवन आदि में निवेश
- वित्तीय निवेश (Financial Investment): शेयर, डिबेंचर, म्यूचुअल फंड आदि
- बौद्धिक संपदा/ स्व-निवेश (Self Investment): शिक्षा, कौशल, स्वास्थ्य आदि में निवेश
निवेशक प्रकार :
सरकार :
- सरकार अर्थव्यवस्था आगे बढ़ाने के लिए निवेश करती है जिससे अंततः सरकार को फायदा (टैक्स में वृद्धि, टैक्स दाताओं की संख्या में वृद्धि)।
- सरकारें सामान्यतः इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश करती है या फिर ऐसे क्षेत्रों में जहां समावेशी विकास को ध्यान में रखते हुए निवेश जरूरी हो परन्तु निजी उद्योगपति कम लाभ के चलते निवेश नहीं करना चाहते।
- भारत में सरकारी निवेश :
- आजादी के तुरंत बाद विभिन्न क्षेत्रों में उद्योगों का राष्ट्रीयकरण किया गया, जिससे बड़ी मात्रा में सरकारी निवेश हुआ।
- फिर निजीकरण, उदारीकरण एवं वैश्वीकरण के चलते विनिवेश किया गया।
- अभी भी सरकारी निवेश एवं विनिवेश की प्रक्रिया जारी है लेकिन निवेश मॉडल व विनिवेश के बाद धन का पुनः उपयोग पहले की तुलना में अलग तरह से होता है जिसे हम एक अलग पोस्ट में विस्तार से पढ़ेंगे।
नागरिक या राष्ट्रीय निजी निवेशक :
- ये लोग मुनाफे के लिए निवेश करते हैं, तथा इनके पास विदेशी निवेशकों की तुलना में निवेश के अधिक विकल्प खुले रहते हैं।
- राष्ट्रीय निवेशकों के पास उपलब्ध विकल्प :
- शेयर मार्केट:
- फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)
- म्यूचुअल फंड्स
- सोना (Gold)
- रियल एस्टेट
- क्रिप्टोकरेंसी
- कॉर्पोरेट बॉन्ड्स
- सरकारी बॉन्ड्स
- रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs)
- स्टार्टअप इक्विटी और वेंचर कैपिटल फंड्स
- सरकारी योजनाएं जैसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), Sukanya Samriddhi Yojana (SSY), Pradhan Mantri Vaya Vandana Yojana (PMVVY)
विदेशी निवेशक :
- विदेशी निवेशक भी केवल मुनाफे के लिए निवेश करते हैं। इनका निवेश मुख्यतः उत्पादन गतिविधियों में होता है।
- विदेशी निवेश से अर्थ किसी उद्योग में विदेशी सरकार, संस्था या समुदाय द्वारा पूंजी के लगाये जाने से है।
- कुछ विदेशी संस्थाएँ या सरकारें ऋणों के साथ-साथ कुछ अनुदान (Grant) भी देती हैं जिसको वे वापस नहीं लेती हैं। यह अनुदान विदेशी सहायता (Foreign Assistance) कहलाता है।
- विदेशी निवेश केवल INR (भारतीय रुपए) में ही हो सकता है इसके लिए वो अधिकृत बैंक से भारतीय रूपए खरीदते हैं। यही कारण है कि FDI बढ़ने से भारतीय रुपए मजबूत होता है।
- विदेशी निवेशक प्रकार :
- विदेशी आबादी एवं संस्थाओं द्वारा निवेश (FDI, FPI, FII, P-Notes, QFPI)
- एक सरकार से दूसरी सरकार को ऋण या निवेश
- अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा निवेश ऋण।
भारत में निवेश का विनियमन
- SEBI: निवेश से संबंधित निर्देश एवं उनका अनुपालन करवाना SEBI के अंतर्गत आता है।
- RBI: किस क्षेत्र में किस प्रकार का कितने प्रतिशत तक विदेशी निवेश की अनुमति दी जाए ये RBI तय करती है।
- FEMA (Foreign Exchange Management Act) – विदेशी पूंजी प्रवाह को नियंत्रित करता है। काले धन पर नियंत्रण इसी अधिनियम के तहत।