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सरकारी निवेश, निवेश मॉडल एवं विनिवेश


1. सरकारी निवेश

सरकारी निवेश वह होता है, जिसमें केंद्र या राज्य सरकारें अपने संसाधनों का उपयोग कर सार्वजनिक संपत्तियों (Public Assets) के निर्माण, अधिग्रहण या उन्नयन में धन लगाती हैं। इसका उद्देश्य सामाजिक कल्याण, आर्थिक विकास और बुनियादी ढांचे को मजबूत करना होता है।

सरकारी निवेश के उद्देश्य

सरकारी निवेश के प्रकार:

  1. राजकोषीय निवेश (Budgetary Investment)
    • सरकार द्वारा वार्षिक बजट में सीधे किए गए पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure)
    • जैसे: नई सड़कें बनाना, नई रेल लाइनें बिछाना
  2. गैर-राजकोषीय निवेश (Extra-Budgetary Investment)
    • Public Sector Enterprises या Special Purpose Vehicles (SPVs) के माध्यम से किया गया निवेश।
    • जैसे: NIIF, NHAI बॉन्ड द्वारा जुटाई गई राशि।
  3. प्रत्यक्ष निवेश (Direct Investment)
    • सरकार द्वारा परियोजना में सीधे धन लगाना
    • जैसे: रेलवे द्वारा स्टेशन का निर्माण।
  4. अप्रत्यक्ष निवेश (Indirect Investment)
    • सरकार द्वारा इक्विटी, बॉन्ड या अन्य उपकरणों में निवेश
    • जैसे: सरकार द्वारा IDBI में हिस्सेदारी खरीदना

सरकारी निवेश से जुड़े प्रमुख दस्तावेज और संस्थान

2. निवेश मॉडल (Investment Models):

भारत में निवेश मॉडल का इतिहास

  1. चरण- एक (1951- 69):
    • आर्थिक नीतियों(मौद्रिक व राजकोषीय नीति) का उद्देश्य सरकार अधिकाधिक निधि जुटा सके। क्योंकि सरकार ही प्रमुख निवेशक थी। निजी व विदेशी निवेश पर ध्यान न के बराबर था।
  2. चरण- दो (1970- 73):
    • थोड़ा विकेंद्रीकरण हुआ। केंद्र, राज्य व निजी व्यापारियों की मिश्रित हिस्सेदारी वाला संयुक्त औद्योगिक क्षेत्र उभरा। लेकिन अभी भी केंद्र सर्वाधिक हिस्सेदारी 51%+ के साथ सबसे बड़ा निवेशक।
  3. चरण- तीन (1974-1990):
    • 1974 में फेरा(FERA) कानून के लागू होने से सीमित विदेशी निवेश को स्वीकृति मिली।
  4. चरण- चार (1991 के बाद):
    • उदारीकरण, निजीकरण, वैश्वीकरण।
      • सरकारी एकाधिकार उद्योगों का निजीकरण।
      • सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP)
      • सार्वजनिक निजी जन भागीदारी (PPPP): स्थानीय जन को शामिल करना।
    • अब आम जनता की निवेश जरूरतों एवं खर्चों का ध्यान रखने के लिए सरकार सस्ते ब्याज दर वाली व्यवस्था, सही वित्तीय पर्यावरण, स्थिर मुद्रास्फीति एवं विनिमय दर आदि के प्रति संकल्पबद्ध है। वृद्धि प्रक्रिया को समावेशी बनाना अब सरकार की घोषित नीति है।

3. विनिवेश (Disinvestment)

विनिवेश किसी कंपनी में स्वामित्व की बिक्री की प्रक्रिया है।

सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के विनिवेश की सलाह सी. रंगराजन आयोग (1991) ने दी।

विनिवेश के कारण :

  1. सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम सुधार।
  2. आर्थिक सुधार के अंग के रूप में।
  3. बजटीय आवश्यकता।

विनिवेश के प्रकार :

विनिवेश उपयोग पर विवाद



निवेश न केवल एक आर्थिक गतिविधि है, बल्कि यह व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र की आर्थिक सुरक्षा और समृद्धि का आधार भी है। यह भविष्य की अनिश्चितताओं से बचाव का एक सशक्त माध्यम है, जो वर्तमान संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग के द्वारा आने वाले समय में स्थिरता और लाभ सुनिश्चित करता है।

चाहे निवेश वित्तीय साधनों में हो या भौतिक संपत्तियों में, या फिर शिक्षा और कौशल में – सभी प्रकार के निवेश, यदि सही दिशा और सोच के साथ किए जाएं, तो वे दीर्घकालिक विकास और आत्मनिर्भरता की नींव रखते हैं।

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