राष्ट्रीय निवेशकों के पास निवेश के लिए उपलब्ध विकल्प
UPSC अकसर ऐसे प्रश्न पूछती है जहां कुछ विकल्प देकर पूछा जाता है कि कौन कौनसे विकल्पों में राष्ट्रीय व्यक्ति या विदेशी या प्रवासी भारतीय निवेश कर सकता है या उनसे जुड़ी डिटेल्स भी पूछ ली जाती है।
शेयर मार्केट:
- डायरेक्ट शेयर खरीदना
- म्यूचुअल फंड्स
- ETFs
- SIP
- IPO
बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD):
- FD एक आवधिक जमा है जिसमें निर्धारित अवधि के लिए राशि जमा की जाती है और परिपक्वता पर ब्याज सहित वापसी होती है।
- RBI की नीतियों से ब्याज दरें प्रभावित होती हैं लेकिन एक बार तय दर निश्चित रहती है।
- FD प्रकार:
- सामान्य फिक्स्ड डिपॉजिट (Regular FD)
- तय ब्याज दर, पूर्व निकासी की अनुमति (पेनल्टी सहित)
- टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (Tax-Saving FD)
- धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट
- लॉक-इन: 5 वर्ष, ब्याज कर योग्य
- रीकरींग फिक्स्ड डिपॉजिट (Recurring FD)
- मासिक जमा, ब्याज समान सामान्य FD जैसा
- सीनियर सिटीजन FD
- 60+ नागरिकों को उच्च ब्याज, ₹50,000 तक ब्याज टैक्स फ्री (धारा 80TTB)
- फ्लोटिंग रेट FD
- ब्याज दर बदलती रहती है (मार्केट से जुड़ी)
- फ्लेक्सी FD
- बचत खाते से लिंक्ड, अतिरिक्त राशि FD में
- निकासी संभव, तरलता बनी रहती है
- NRE/NRO FD
- NRE: विदेशी आय, ब्याज टैक्स-फ्री
- NRO: भारत की आय, ब्याज टैक्स योग्य
- सामान्य फिक्स्ड डिपॉजिट (Regular FD)
म्यूचुअल फंड्स:
- म्यूचुअल फंड एक ऐसा निवेश साधन है जिसमें कई निवेशकों से पैसा एकत्र कर के एक फंड मैनेजर उसे विभिन्न शेयर, बॉन्ड, डिबेंचर, या अन्य वित्तीय संपत्तियों में लगाता है। इसका उद्देश्य है – जोखिम को विभाजित कर लाभ अर्जित करना। जब म्यूचुअल फंड लॉन्च होता है तो उसे योजना कहते हैं ये मुख्यतः 3 प्रकार की होती है
- इक्विटी फंड (Equity Funds) योजना: शेयर मार्केट में निवेश किया जाएगा।
- ऋण फंड (Debt Funds) योजना: बॉन्ड इत्यादि ऋण साधनों में निवेश किया जाएगा।
- हाइब्रिड फंड (Hybrid Funds) योजना: कुछ तय प्रतिशत में शेयर व ऋण दोनों में निवेश किया जाएगा।
ETFs:
- एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) म्यूचुअल फंड और स्टॉक दोनों की विशेषताओं का संयोजन है।
- उदाहरण :भारत 22 ETF, गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold ETF)
सोना (Gold):
- गहनों पर अब 6-अंकीय अल्फ़ा-न्यूमेरिक कोड (HUID) अनिवार्य है।
- केवल 14K, 18K और 22K गहनों को ही हॉलमार्क किया जा सकता है।
- BIS (Bureau of Indian Standards - भारतीय मानक ब्यूरो): यह भारत सरकार की एक संस्था है जो हॉलमार्किंग की अनुमति देती है।
- हॉलमार्क एक सरकारी प्रमाणीकरण है जो इस बात की गारंटी देता है कि सोने के गहनों में जितना कैरेट लिखा है, उतना ही शुद्ध सोना है।
रियल एस्टेट:
- रियल एस्टेट में निवेश का तात्पर्य आवासीय, वाणिज्यिक या औद्योगिक संपत्तियों को खरीदने, किराये पर देने या बेचकर लाभ कमाने से है।
- लाभ: स्थायी आय, पूंजी वृद्धि, मुद्रास्फीति से सुरक्षा।
- प्रमुख कानून: RERA (Real Estate Regulation and Development Act), 2016
- केवल राष्ट्रीय निवेशक निवेश कर सकते हैं, विदेशी नहीं। कुछ राज्यों में केवल किसान ही कृषि भूमि खरीद सकते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी:
- नकद (legal tender): के रूप में कोई क्रिप्टोकरेंसी मान्यता प्राप्त नहीं है; इसे भारतीय रूपे की जगह पर भुगतान में उपयोग नहीं किया जा सकता।
- निजी क्रिप्टोकरेंसी: के लिए कोई पूर्ण प्रतिबंध नहीं है – 2018 में RBI की बैंकिंग नीति सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी और मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने RBI का प्रतिबन्ध रद्द कर दिया।
- 30% टैक्स: 2022 के Union Budget के तहत “Virtual Digital Assets (VDAs)” पर लाभ पर 30% टैक्स लगाया गया
- TDS 1%: ₹50,000 से अधिक के ट्रांसफ़र पर 1% TDS लागू है।
कॉर्पोरेट बॉन्ड्स:
- कंपनियों द्वारा पूंजी जुटाने हेतु जारी ऋण उपकरण
- निवेशक:
- भारतीय नागरिक (18+)
- NRI (कुछ शर्तों पर)
- HUF, ट्रस्ट, संस्थाएं
- निवेश राशि:
- ₹1,000 से ₹10,000 तक न्यूनतम, अधिकतम तय नहीं
- लाभ कर योग्य होते हैं
सरकारी बॉन्ड्स:
- RBI रिटेल डायरेक्ट स्कीम (2021 से)
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB)
- भारत बॉन्ड ETF (PSUs द्वारा)
- ट्रेजरी बिल्स (T-Bills) और गिल्ट बॉन्ड्स (G-Secs)
REITs (Real Estate Investment Trusts):
- REITs (Real Estate Investment Trusts) का मतलब है ऐसी कंपनियाँ जो रियल एस्टेट प्रॉपर्टीज में निवेश करती हैं और उनसे होने वाली आय (income) को निवेशकों में बाँटती हैं।
- ये बड़ी-बड़ी कमर्शियल प्रॉपर्टीज जैसे ऑफिस बिल्डिंग्स, मॉल, होटल, वेयरहाउस आदि में निवेश करते हैं।
- इन प्रॉपर्टीज को किराए पर देकर जो आमदनी होती है, उसका एक हिस्सा REIT अपने शेयरहोल्डर्स (आप जैसे निवेशक) को डिविडेंड के रूप में देता है।
- जैसे आप स्टॉक्स खरीदते हैं वैसे ही आप REIT के यूनिट्स NSE/BSE से खरीद सकते हैं।
- REITs स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होते हैं।
- एक REIT यूनिट की कीमत ₹300 – ₹500 तक हो सकती है, जो हर रोज बदलती रहती है।
स्टार्टअप इक्विटी और वेंचर कैपिटल फंड्स:
- शेयर बाजार का हिस्सा नहीं, प्राइवेट इक्विटी मार्केट में आते हैं
- वेंचर कैपिटल वह पूंजी है जो उच्च संभावनाओं वाले स्टार्टअप्स में निवेश की जाती है, जिनके पास तेज़ी से बढ़ने की क्षमता होती है लेकिन अभी तक लाभ में नहीं आए होते।
- निवेशकों को कंपनी की मालिकाना हिस्सेदारी (Ownership Stake) मिलती है।
- जब कंपनी ग्रो करती है या IPO लाती है, तब VC अपने शेयर बेचकर मुनाफा कमाते हैं।
- उच्च जोखिम लेकिन उच्च रिटर्न की अपेक्षा।
- VC फंड्स को पेशेवर प्रबंधक (General Partners) द्वारा चलाया जाता है, जो बाहर के निवेशकों (Limited Partners) से पैसा जुटाते हैं।
- उदाहरण: OYO, BYJU’s, Zomato जैसे स्टार्टअप्स को शुरुआती दिनों में वेंचर कैपिटल से भारी निवेश मिला।
- कंपनी से आपसी वार्ता द्वारा निवेश।