UPSC Cse क्या है, कलेक्टर कैसे बने ? विस्तृत जानकारी
कलेक्टर कैसे बनें ?
पहले आप बस इतना जान लें कि कलेक्टर बनने के लिए CSE नाम की परीक्षा पास करनी होती है जिसे UPSC नामक संस्था आयोजित करवाती है। UPSC क्या है ? CSE क्या है ? इसे पास करने के लिए क्या पढ़ना पड़ता है? कितना समय लगता है, कितने पैसे लगते हैं, क्या क्या योग्यताएं चाहिए, कौन पास कर सकता है, कोई भी इसकी तैयारी कैसे शुरू कर सकता है, इन सभी सवालों पर चलो चाय पीकर विस्तार से चर्चा करते हैं 😊🌝
UPSC क्या है ?
UPSC एक संस्था है जिसकी स्थापना 1 अक्टूबर, 1926 को यूनाइटेड किंगडम की संसद द्वारा की गई। वर्तमान में UPSC में एक अध्यक्ष व 10 अतिरिक्त सदस्य होते हैं जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा 6 वर्ष अथवा 65 वर्ष तक के कार्यकाल के लिए की जाती है। UPSC के मुख्य कार्य में अखिल भारतीए सेवाएं सहित सभी 'A' समूह की सेवाओं हेतु भर्ती परीक्षाएं आयोजित करवाना व उन्हें प्रबंधित करना है। यूपीएससी कुल 11 परीक्षाएं आयोजित करवाता है।
UPSC के कार्य (Drop down)
संविधान के अनुच्छेद 320 के अंतर्गत, अन्य बातों के साथ-साथ सिविल सेवाओं तथा पदों के लिए भर्ती संबंधी सभी मामलों में आयोग का परामर्श लिया जाना अनिवार्य होता है। संविधान के अनुच्छेद 320 के अंतर्गत आयोग के प्रकार्य इस प्रकार हैं:
- संघ के लिए सेवाओं में नियुक्ति हेतु परीक्षा आयोजित करना
- साक्षात्कार द्वारा चयन से सीधी भर्ती
- प्रोन्नति/ प्रतिनियुक्ति/ आमेलन द्वारा अधिकारियों की नियुक्ति
- सरकार के अधीन विभिन्न सेवाओं तथा पदों के लिए भर्ती नियम तैयार करना तथा उनमें संशोधन
- विभिन्न सिविल सेवाओं से संबंधित अनुशासनिक मामले
- भारत के राष्ट्रपति द्वारा आयोग को प्रेषित किसी भी मामले में सरकार को परामर्श देना
UPSC द्वारा आयोजित करवाई जाने वाली परीक्षाएं :-
- Civil Services Examination
- Engineering Services Examination
- Combined Medical Services Examination
- Combined Defence Services Examination
- National Defence Academy Examination
- Naval Academy Examination
- Special Class Railway Apprentice
- Indian Forest ServiceExamination
- Indian Economic Service/Indian Statistical Service Examination
- Combined Geoscientist and Geologist Examination
- Central Armed Police Forces (Assistant Commandant) Examination
CSE क्या है ?
UPSC द्वारा आयोजित करवाई जाने वाली विभिन्न परीक्षाओं में से ही एक परीक्षा है CSE की, जिसे पूरे रूप में Civil Services Examinations (सिविल/नागरिक सेवा परीक्षा) कहते हैं। इसी परीक्षा को पास करने पर आपको IAS, IPS, IFS जैसे विभिन्न पदों पर आपकी रैंक के अनुसार नियुक्ति दी जाती है। रैंक से पदों का बंटवारा कैसे किया जाता है यह तो हम किसी अन्य दिन चर्चा करेंगे पर अभी यह जानते हैं की आखिर इस परीक्षा से कलेक्टर कैसे बनते हैं।
कलेक्टर ऐसे बनते हैं :-
कलेक्टर बनने के लिए आपको सबसे पहले IAS बनना होगा अर्थात् Indian Administrative Service (भारतीय प्रशासनिक सेवा) में जाना होगा,IAS एक पद है जो कि CSE की परीक्षा पास करने पर मिलता है, हालांकि सिविल सेवा परीक्षा (CSE) द्वारा कई पदों जैसे की IAS, IPS, IFS, IRS ..... इत्यादि के लिए एक ही परीक्षा द्वारा भर्तियां आयोजित की जाती है, ऐसे में आपको IAS का पद तभी मिलेगा जब आपने CSE का फॉर्म भरते वक्त IAS को प्राथमिकता में रखा हो और परीक्षा परिणाम में लगभग शीर्ष 80 वीं रैंक (सामान्य) प्राप्त की हो। अगर आपकी रैंक अच्छी होने के बावजूद भी उतनी अच्छी नहीं आए की IAS बन सकें, तो ऐसी स्थिति में आपको आपकी रैंक के अनुसार आपके द्वारा फॉर्म भरते वक्त बताई गई द्वितीय या तृतीय ...प्राथमिकता की पोस्ट ऑफर की जाती है
ध्यान देने वाली बात है कि IAS का पद केवल रैंक देखकर नहीं दिया जाता है बल्कि उसमे कई अन्य पहलुओं को भी देखा जाता है जिनके बारे में हम किसी और दिन चर्चा करेंगे, अलग अलग श्रेणियों के उम्मीदवारों के लिए यह अनुमानित रैंक सीमा भी काफी अलग रहती है लगभग 400 वीं रैंक तक के उम्मीदवार को IAS का पद मिलने की संभावनाएं रहती है, यह सब सरकार द्वारा मांगी गई भर्तियों की संख्या पर निर्भर करता है। खैर जो भी हो केवल UPSC Cse की परीक्षा पास करना भी कोई मजाक बात नहीं है।
लेकिन कलेक्टर बनने में अभी भी समय लगेगा, जब आप IAS बन जाते हैं तो आपकी ट्रेनिंग LBSNAA द्वारा होती है, आपकी ट्रेनिंग लगभग 2 साल की होती है ( 1 वर्ष LBSNAA में और 1 साल जिले में असिस्टेंट कलेक्टर के मजिस्ट्रेट के रूप में), 2 वर्षीय ट्रेनिंग के बाद आपको SDM की पोस्ट दी जाती है जिसे सब- कलेक्टर भी कहते हैं, SDM की पोस्ट पर अवधि विभिन्न राज्यों में अलग अलग 1-3 वर्ष तक की होती है, SDM के बाद आपको जिला परिषद के CEO की पोस्ट दी जाती है जिसे अलग अलग राज्यों में अलग अलग नाम से जाना जा सकता है, इसकी अवधि भी अलग अलग राज्यों में अलग अलग रहती है, अंततः 5 से 10 वर्ष बाद आपको आपकी मन पसंद DM साहब की पोस्ट मिल जाती है। बधाई हो आप कलेक्टर बन चुके हैं, लाओ लड्डू खिलाओ 😃.... कोई नी मैं इंतजार करूंगा।
लेकिन अभी भी कुछ सवाल बाकी है जैसे की क्या क्या पढ़ना पड़ता है ? परीक्षा पैटर्न क्या है? कितना समय लगता है, कितना पैसा लगता है और तैयारी कैसे करनी है, चलो प्रत्येक सवाल पर विस्तार से चर्चा करते है :-
कलेक्टर बनने के लिए क्या क्या पढ़ना पड़ता है ?
कलेक्टर बनने के लिए क्या पढ़ना पड़ता है जानने के लिए आपको सबसे पहले यह जानना होगा कि कलेक्टर बनने के लिए आयोजित होने वाली सिविल सेवा परीक्षा में पूछा क्या जाता है? परीक्षा पैटर्न क्या है?, कितनी परीक्षाएं होती है,पाठ्यक्रम क्या है इत्यादि ।
सिविल सेवा परीक्षा का पैटर्न क्या है:-
सिविल सेवा परीक्षा में कुल 11 परीक्षाएं व एक साक्षात्कार होता है जो तीन भागों में विभक्त है
- प्रारम्भिक परीक्षा
- मुख्य परीक्षा
- अनिवार्य प्रश्नपत्र
- निबंध
- सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र
- वैकल्पिक विषय प्रश्नपत्र
- साक्षात्कार
सिविल सेवा परीक्षा का पाठ्यक्रम क्या है ?
UPSC ने Cse के सभी प्रश्नपत्रों के लिए काफी विस्तार से पाठयक्रम को बताया हुआ है जो कि प्रतिवर्ष सिविल सेवा परीक्षा की विज्ञप्ति के साथ ही जारी किया जाता है।
सिविल सेवा परीक्षा पास करने में कितना समय लग जाता है ?
हालांकि समय की अवधि व्यक्ति की समझ के स्तर पर निर्भर करती है फिर भी हम किसी को औसत व्यक्ति मानकर कुछ अनुमानित समय जरूर बता सकते हैं
अगर आप 12 वीं के बाद से ही UPSC की तैयारी करना चाहते हैं तो 1 वर्ष परीक्षा वाला और 2 वर्ष तैयारी के यानी की 3 वर्ष तो लग ही जाएंगे, हां मैं इस बात से सहमत हूं कि अगर आप SSC, CGL, Banking जैसी बड़ी परीक्षाएं पास कर चुके हैं तो संभव है की आप एक ही वर्ष में पास कर लेवें। लेकिन मेरा खुद का अनुभव है की एक वर्ष तो आपको केवल एक बार किताबों को पढ़ने में और ये समझने में ही लग जाएगा कि UPSC क्या चीज है। और UPSC के समंदर में यह भी संभव है कि आप 10 वर्ष की मेहनत के बावजूद भी न लग पाएं क्योंकि बहुत बार ऐसा होता है कि IAS बन चुके व्यक्ति भी दूसरी बार प्रारम्भिक परीक्षा तक पास नहीं कर पाते हैं, अंततः यही कह सकता हूं कि औसतन 3 वर्ष लगते हैं अन्यथा कोई निश्चित समयावधि नहीं है।
UPSC की तैयारी के दौरान कितना खर्चा लगता है -
खर्च भी व्यक्ति पर ही निर्भर करता है कि व्यक्ति की सूझ बूझ और प्रवृति कैसी है, व्यक्ति घर पर ही पढ़ रहा है या कॉचिंग जा रहा है, गांव में रहता है या शहर में, शौक़ीन है या संत। परंतु अपने अपने अनुसार अनुमान लगाने के लिए हम कुछ जानकारी जरुर दे सकते हैं
अगर आप 12 वीं के तुरंत बाद ही तैयारी करना चाहते हैं तो, शुरुआत में 30-31 किताबें, 10-15 बड़ी नोटबुक, कुछ कलम, कुछ नक्से इत्यादि पढ़ाई का सामान लाने के 10 हजार लग जाते हैं ( किताबें ऑनलाइन न खरीदे, बुकस्टोर से ही लें औसतन 300 रुपए की किताब आती है), अगर आपके पास अच्छा मोबाइल नहीं है तो 10-12 हजार उसके लग जाएंगे, 10 हजार 3 वर्ष का मोबाइल रिचार्ज लग जाएगा, 10 हजार 3 वर्ष के लिए कुछ कपड़े, पेंटी, टीशर्ट वगहरा के लग जाएंगे (पुरुष के लिए), 15 हजार ग्रेजुएशन के ( अगर नॉन रेगुलर BA कर रहे हो तो ), 15-20 हजार उन छोटी छोटी जरूरतों के लिए जो 3 वर्ष में होती रहेगी, आप एक ही जगह बैठकर पढ़ेंगे तो संभव है कि आपको दाद, खाज या कोई भी चरम रोग हो जाए तो लगभग 5 हजार उसके इलाज के लग सकते हैं, अगर आप ज्यादा ही बीमार रहते हैं तो संभव है कि इन तीन सालों में आपको टायफायड, मलेरिया, आंखो में खराबी, पेट दर्द, अपेंडिक्स या ऐसी ही कोई बीमारी हो जाए तो 10-20 हजार तक का खर्च उन बीमारियों का आ सकता है, अगर आप ias baba जैसी वेबसाइटों पर भरोसा नहीं करते और किसी न्यूज पेपर का सब्सक्रिप्शन लेते हैं तो 200 से 300 प्रतिमाह उनका लग जाता है, अगर आप घर पढ़ने की बजाय शहर के किसी PG में रहकर किसी लाइब्रेरी को ज्वाइन करते हैं तो 500 से 1000 रूपए प्रतिमाह लाइब्रेरी का व 5 हजार PG का मान लो ( अगर मुखर्जी नगर रह रहे हो तो सभी को मिलाकर 10-15 हजार प्रतिमाह का खर्च आता है), अगर आप किसी कॉचिंग का कोर्स खरीदकर पढ़ना चाहते हैं तो 1-1.5 लाख उसका मान लो, अगर आप कोर्स की बजाय ऑफलाइन कॉचिंग जाना चाहते हैं तो 3-4 लाख सालभर के उसके मान लो, अगर आप माइंड फ्रेश करने के लिए पढ़ाई के साथ घूमने फिरने के शौक़ीन है तो आप अपने इरादों के अनुसार कुछ खर्चा वो मान लो, कौचिंगे अलग अलग समय पर टेस्ट सीरीज, मॉक टेस्ट वगेहरा जारी करती है अगर उनमें शामिल होना चाहते हैं तो अलग अलग कौचिंग के 10-50 हजार तक का वो बजट होता है, कुल मिलाकर यह आप पर है की आप कितना खर्च करते हैं आप अपनी जरूरतों के हिसाब से खुद ही जोड़ लीजिए कि आपका 3 वर्ष का बजट कितना रहेगा, हां मैं एक बात जरूर बताना चाहूंगा कि अलग अलग जगहों पर अलग अलग समय पर अलग अलग चीजों की अलग अलग कीमतें रहती है तो थोड़ा बहुत ऊपर नीचे हो सकता है बाकी मुझे जो जानकारी पता थी वो मैंने बता दी है अगर आपको कुछ और भी याद आता है तो हम जरूर बताएं।
FAQ: बार बार पूछे जाने वाले प्रश्न
1. क्या कलेक्टर बनने के लिए कोचिंग करना जरूरी है?
नहीं, ऐसे बहुत सारे IAS है जिन्होंने घर से खुद से तैयारी की ओर सफल हुए हैं। आपको केवल सिलेबस, सही किताबें, तैयारी की रणनीति और टॉपर्स टॉक को अच्छे से देखने की जरूरत है, इन्हे आप गूगल कर सकते हैं।
2. क्या सरकारी स्कूल से पढ़कर कलेक्टर बन सकते हैं?
कलेक्टर की पढ़ाई में आपका बैकग्राउंड बहुत महत्त्व रखता है अगर आपने स्कूल में अच्छी पढ़ाई की है और खुद से चीजों को विश्लेषित कर तैयारी करना सीख लिया है तो आपको ias बनने से कोई नहीं रोक सकता। ये बिलकुल भी महत्त्व नहीं रखता की आपने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की है या प्राइवेट, आपकी स्कूल में कितने टीचर थे या आपके कितने अंक बने हैं। बिंदास रहिए।
3. क्या हिंदी माध्यम से कलेक्टर बनना मुस्किल है ?
यह कोचिंग संस्थानों द्वारा फैलाया गया मिथ है कि हिंदी माध्यम से कलेक्टर बनना मुस्किल है। दरअसल यह मिथ एस्पिरेंट्स में डर बैठाकर अधिक से अधिक कोर्स बैचने के लिए फैलाया गया है। आज के समय में चाहे गाइडेंस की बात हो या कंटेंट की, हिंदी भाषा में खूब उपलब्ध है।