UPSC टॉपर्स नोट्स कैसे बनाते हैं, विस्तृत रणनीति पर टॉपर्स गाइडेंस और सवाल जवाब
1. टॉपर्स नोट्स कैसे बनाते हैं
यहां दो बाते हैं, पहली कि टॉपर्स नोट्स कैसे बनाते हैं, मतलब कि किस तरह से पढ़ाई करते हुए आसानी से सम्पूर्ण नोट्स बनाने तक की प्रक्रिया पूरी करते हैं और दूसरी बात यह है कि टॉपर्स लोग किस तरह के और किस तरीके के नोट्स बनाते हैं, उनके नोट्स में क्या क्या एलीमेंट्स होते हैं।
टॉपर्स नोट्स कैसे बनाते हैं रणनीति या नोट्स मेकिंग प्रक्रिया:
- वो लोग पहले प्रथम अध्ययन करते हैं जिसमे हर चेप्टर की हेडिंग्स एवं सबहेडिंग्स को नोट करते हैं
- फर्स्ट रीडिंग के बाद टॉपर्स लोग पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का एनालिसिस करते हैं, विभिन्न विषयों का महत्त्व समझते हैं, विभिन्न पेपर्स के सिलेबस को डिकोड करते हैं और upsc सिलेबस, pyq कीवर्डस की सहायता से अपना खुद का सिलेबस बनाते हैं जिनके उन्हें नोट्स बनाने होते हैं।
- फिर सेकंड रीडिंग में महत्त्वपूर्ण बाते हाईलाइट करते हैं।
- सेकंड रीडिंग के तुरंत बाद बिना समय गवाएं उस चेप्टर के रफ नोट्स बनाते हैं। पहले चेप्टर के रफ नोट्स बनाने के बाद ही दूसरे चेप्टर की ओर आगे बढ़ते हैं।
- एक जैसे टॉपिक्स के रफ नोट्स बनाने के बाद उनसे विस्तृत नोट्स या सीधे शॉर्ट नोट्स बनाते हैं। (हां पूरे विश्व के रफ नोट्स एकसाथ नहीं बनाते हैं, उसके कुछ हिस्से जो एक जैसे हैं के नोट्स एकसाथ बनाते हैं फिर आगे बढ़ते हैं)।
टॉपर्स नोट्स किस तरह के बनाते हैं, टॉपर्स नोट्स के एलिमेंट्स:
- टॉपर्स विस्तृत नोट्स, शॉर्ट नोट्स, सांकेतिक नोट्स, कर्रेंट अफेयर्स नोट्स और वैल्यू एडिशन नोट्स आदि तरह के नोट्स बनाते हैं।
- कुछ टॉपर्स प्रीलिम्स एवं मैंस के नोट्स एकसाथ बनाते हैं। वहीं कुछ टॉपर्स प्रीलिम्स के अलग और मैंस के अलग नोट्स बनाते हैं
- कुछ टॉपर्स सब्जेक्ट वाइज नोट्स बनाते हैं जैसे भूगोल, राजनीति के नोट्स। वहीं कुछ टॉपर्स पेपर वाइज नोट्स बनाते हैं जैसे GS पेपर के नोट्स एक साथ बनाएंगे और GS 2 के नोट्स एकसाथ बनाएंगे।
- कुछ टॉपर्स डायग्राम और माइंड मैप्स के अंदर नोट्स बनाते हैं और कुछ टापर्स बाकी तरह के नोट्स में कहीं कहीं डायग्राम, माइंड मैप्स इनक्लूड करते हैं।
- कुछ एस्पिरेंट विभिन्न स्टैंडर्ड बुक्स, ncert आदि से खुद से अपने नोट्स स्वयं बनाते हैं वहीं कुछ एस्पिरेंट कोचिंग्स के क्लास नोट्स से बनाते हैं। वहीं टॉपर एस्पिरेंट दूसरे टॉपर्स के नोट्स से कॉपी करते हैं।
- कुछ टॉपर्स हैंडरिटन नोट्स बनाते है वहीं कुछ टॉपर्स डॉक्स, MS वर्ड आदि में ऑनलाइन नोट्स बनाते हैं।
2. UPSC नोट्स कब बनाएं
upsc नोट्स तब बनाएं जब :
- फर्स्ट रीडिंग हो चुकी हो।
- PYQ विश्लेषण हो चुका हो।
- विभिन्न विषयों का upsc में वेटेज जान चुके हो।
- अपना खुद का सिलेबस बना चुके हो।
- आपने विषय या टॉपिक को अच्छे से समझ लिया हो।
3. विभिन्न तरह की नोट्स मेकिंग पर टॉपर्स गाइडेंस एवं विस्तृत चर्चाएं
- UPSC शॉर्ट नोट्स कैसे बनाएं ↗
- UPSC विस्तृत नोट्स कैसे बनाएं ↗
- NCERT शॉर्ट नोट्स कैसे बनाएं ↗
- CSAT नोट्स कैसे बनाएं + तैयारी रणनीति ↗
- UPSC डायग्राम्स कैसे बनाएं ↗
4. UPSC नोट्स मेकिंग से जुड़े डाउट्स
- विस्तृत नोट्स vs शॉर्ट नोट्स ▼
- नोट्स हस्तलिखित बनाएं या ऑनलाइन ▼
- सब्जेक्ट वाइज बनाएं या पेपर वाइज ▼
- प्री व मैंस नोट्स एकसाथ कैसे बनाएं ▼
- UPSC एवं स्टेट PCS के नोट्स एकसाथ कैसे बनाएं ▼
- आंसर राइटिंग बेस्ड नोट्स कैसे बनाएं ▼
5. विस्तृत नोट्स vs शॉर्ट नोट्स: फायदे व नुकसान
विस्तृत नोट्स से मतलब सम्पूर्ण नोट्स से है जिसमे हम किसी टॉपिक से रिलेटेड विभिन्न किताबों और सोर्सेज से उठाई गई सारी जानकारी अपनी भाषा में विस्तार से लिखते हैं ताकि एक ही जगह से उन्हें रिवाइज कर सकें और विभिन्न सोर्सेज को बार बार ना देखना पड़े। विस्तृत नोट्स कैसे बनाएं पर आप हमारा विस्तृत ब्लॉग देख सकते हैं।
विस्तृत नोट्स फायदे व नुकसान
विस्तृत नोट्स फायदे | विस्तृत नोट्स नुकसान |
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शॉर्ट्स : विस्तृत नोट्स के विपरीत, शॉर्ट नोट्स में हम केवल महत्त्वपूर्ण जानकारी सांकेतिक भाषा में लिखते हैं, ताकि परीक्षा के नजदीक आने पर समय के अभाव में भी सारा कंटेंट रिवाइज कर सकें। सच्चाई तो यही है कि परीक्षा के दिन तक हम केवल शॉर्ट नोट्स की जानकारियां ही याद रख पाते हैं। शॉर्ट नोट्स कैसे बनाएं पर आप हमारा स्पेशल ब्लॉग देख सकते हैं।
शॉर्ट नोट्स फायदे व नुकसान
शॉर्ट नोट्स फायदे | शॉर्ट नोट्स नुकसान |
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6. नोट्स हस्तलिखित बनाएं या ऑनलाइन
यह दुविधा हर एस्पिरेंट को होती है क्योंकि हस्तलिखित नोट्स बनाना बहुत बोरिंग और टाइम खाऊ होता है जबकि ऑनलाइन नोट्स में आप अधिकत्तर कंटेंट कॉपी करके चिपका सकते हैं साथ ही उसे अपडेट करना भी आसान होता है। ऑनलाइन नोट्स में आप फोटो या मैप्स आसानी से चिपका सकते हो। जहां हस्तलिखित नोट्स के गुम होने का डर होता है वहीं ऑनलाइन नोट्स को आप कभी भी कहीं से भी पढ़ सकते हैं।
- हालांकि ऑनलाइन नोट्स बनाना अच्छा दिख रहा होता है लेकिन इसकी भी अपनी समस्याएं है। ऑनलाइन नोट्स बनाते बनाते आप कब सॉशल मीडिया खोल लेते हैं पता ही नहीं चलता। ऐसे में बहुत से एस्पिरेंट चाहते हैं की वो मोबाइल को दूर रखकर पढ़ाई करे।
- लेकिन क्या यह संभव है, क्या मोबाइल के बिना पढ़ाई की जा सकती है? नहीं, बिल्कुल नहीं क्योंकि आपको पढ़ाई के दौरान बहुत सी चीजें नेट पर सर्च करनी पड़ती है। यहां तक कि आपको हर घंटे कुछ न कुछ सर्च करना होता है।
- अधिकत्तर टॉपर्स का यही मानना है कि आपको शुरुआत में विस्तृत नोट्स ऑनलाइन बनाने चाहिए, जहां आप फोटो, ग्राफ, माइंडमैप्स, डायग्राम, आदि ऑनलाइन से डाउनलोड करके आसानी से चिपका सकते हैं। क्योंकि विस्तृत नोट्स बहुत लंबे चौड़े होते हैं तो ऑनलाइन कम समय में बन जाते हैं। समय कम लगता है क्योंकि आप मोबाइल में बोल बोल कर भी टाइपिंग कर सकते हैं और फोटो से भी टेक्स्ट स्कैनर से कॉफी कर सकते हैं। (ऑनलाइन नोट्स बनाने के लिए अगर आपके पास लैपटॉप नहीं है या टाइपिंग अच्छी नहीं है तो आप मोबाइल में भी MS word, गुगल Docs, एवरनोट आदि नोट्स मेकिंग एप का इस्तेमाल कर सकते हैं।)
- नोट्स ऑनलाइन होने पर उनसे शॉर्ट नोट्स बनाना भी आसान होता है, क्योंकि मुख्य मुख्य बातें कॉपी करके चिपका दो।
- हां अगर लास्ट के समय में मोबाइल से दूरी बनाने की जरूरत पड़े तो आप इनसे हैंडरिटन शॉर्ट नोट्स भी बना सकते हैं या आप इन नोट्स को प्रिंट करवाकर भी ला सकते हैं।
- लेकिन अधिकत्तर की राय में पहले बार के नोट्स या विस्तृत नोट्स हैंडरिटन नहीं होने चाहिए क्योंकि एक तो आप आंसर राइटिंग करने से पहले नोट्स बना रहे होते हो और दूसरा आप उस टॉपिक को एक दो बार ही पढ़कर बना रहे हो, तो यह निश्चित मानो की आपको आगे चलकर बहुत सारे टॉपिक्स के नोट्स को अमूल चूल परिवर्तित करना पड़ेगा। इसलिए ऑनलाइन नोट्स ही सही रास्ता है। आगे आपकी इच्छा, आपके लिए जो ठीक रहे वो करें, क्योंकि बहुत से टॉपर्स ने हस्तलिखित नोट्स बनाना भी ठीक समझा और टॉप किया है।।
7. सब्जेक्ट वाइज बनाएं या पेपर वाइज
UPSC नोट्स विषयानुसार (Subject wise) बनाना ज्यादा ठीक रहता है क्योंकि छोटे नोट्स कम बोरिंग होते हैं। पेपर को विषयवार छांट देने से दिमाग में क्लेरिटी बनी रहती है। आपके दिमाग में एक समय एक ही विषय चल रहा होता है। सब्जेक्ट वाइज बनाने से पेपर के PYQ देखना, विश्लेषण करना और आंसर राइटिंग करना सारी बातें आसान हो जाती है।
अगर आप प्री पास कर लें और मैंस नजदीक हो तो आप अपने मैंस शॉर्ट नोट्स को एकसाथ कर सकते हैं, इससे एक पेपर के लिए एक नजर बनाना आसान हो जाएगा। पेपर अटेंड करते वक्त उस पेपर में शामिल सारे विषय दिमाग में होंगें।
8. प्री एवं मैंस के नोट्स एकसाथ बनाएं या अलग अलग
यह दुविधा तब आती है जब एक एस्पिरेंट का मन प्रीलिम्स और मैंस को अलग अलग कवर करने का कर रहा होता है वहीं टॉपर्स कहते हैं कि उन्होंने प्री व मैंस को एकसाथ कवर किया था। चलो इसका निवारण करते हैं:
- सबसे पहली बात तो यह है की जब कोई टॉपर कोई बात कह रहा होता है तो वह उस नजरिए से कह रहा होता है जो 4-5 साल की तैयारी के बाद डेवलप हुआ है, जबकि आप उस बात को उस नजरिए से समझ रहे होते हैं जिसने अभी अभी नई शुरुआत की है। वह कहना कुछ और चाहते हैं और आप समझ कुछ रहे होते हैं।
- टॉपर का नजरिया समझने के लिए आपको जानना पड़ेगा की एक टॉपर किन चरणों से गुजरता है। वे चरण इस तरह है: पहले प्रथम अध्ययन, फिर मैंस pyq विश्लेषण, मैंस खुद का सिलेबस, मैंस नजरिए से द्वितीय अध्ययन, मैंस रफ नोट्स, मैंस विस्तृत नोट्स, थोड़ी आंसर राइटिंग प्रैक्टिस, फिर प्रीलिम्स PYQ विश्लेषण, प्रीलिम्स खुद का सिलेबस, प्रीलिम्स नोट्स, प्रीलिम्स मॉक टेस्ट, प्रीलिम्स शॉर्ट नोट्स, प्रीलिम्स रिवीजन, मैंस नोट्स का प्रीलिम्स नजरिए से रिवीजन एवं उनसे कंटेंट निकालना, फिर प्रीलिम्स परीक्षा देना यानी अटेम्ट देना, फिर मैंस आंसर राइटिंग प्रेक्टिस शुरू करना, मैंस शॉर्ट नोट्स बनाना शुरू करना, उतने में प्रीलिम्स फेल होना, फिर अगला प्रीलिम्स हर हाल में करने की ठानना, फिर प्रीलिम्स को 100 प्रतिशत कवर करना, थोड़ा मैंस भी मजबूत करना उसके भी शॉर्ट नोट्स आंसर राइटिंग करते हुए कंप्लीट करना, फिर प्रीलिम्स एग्जाम देना, प्री पास करना, मैंस एग्जाम देना,,,, लेकिन मैंस फेल हो जाना, फिर वापस तैयारी में जुटते हैं और इस बार वो प्रीलिम्स और मैंस की तैयारी एकसाथ करते हैं। अधिकत्तर एस्पिरेंट 3 अटेम्प्ट में upsc निकालते हैं।
- ध्यान देने वाली बात यह है की जो टॉपर प्रीलिम्स और मैंस के नोट्स एकसाथ बनाने की बात करते हैं उनके माइंड में केवल लास्ट स्टेज होती है मतलब की वो लोग एकसाथ नोट्स तब बनाते हैं जब उन्होंने प्रीलिम्स एवं मैंस की अलग अलग तैयारी कर ली होती है।, वो लोग या तो पांच साल में भूल जाते हैं की नए एस्पिरेंट का दिमाग कैसे काम करता है या उनकी कोचिंग के कहने पर ज्यादा बोलते नहीं है, क्योंकि कोचिंग्स वाले प्री और मैंस की तैयारी एकसाथ करवा रहे होते हैं, अलग अलग तैयारी करवाना कोचिंग्स वालों को महंगा पड़ता है। और इसलिए कोचिंग वाले इसी थॉट को बढ़ावा देते हैं।
टॉपर्स प्रीलिम्स व मैंस को एकसाथ कवर करने की सलाह क्यों देते हैं? कारण:
9. आंसर राइटिंग बेस्ड नोट्स कैसे बनाएं
जब आप आंसर राइटिंग करने लगेंगे तो आपको पता चलेगा की आपके नोट्स आंसर राइटिंग करने के लिए पर्याप्त नहीं है, आप पूरा टॉपिक कवर करने के बाद भी उस टॉपिक से पूछे गए प्रश्नों के जवाब नहीं दे पा रहे हैं। इससे बचने के लिए आप नोट्स बनाने से पहले एक बार टॉपिक कवर कर उसके रफ नोट्स बनाते हैं और फिर उस टॉपिक्स से पिछले वर्षों में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देने की कोशिश करते हैं। आंसर राइटिंग करने की प्रक्रिया में आपको पता चलता है कि किसी टॉपिक के नोट्स इस तरह बनाने चाहिए की आप उससे किसी भी प्रकार के प्रश्न का जवाब तुरंत लिख सकें।
आपको चाहिए कि उस टॉपिक की सारी परिभाषाएं, सिद्धांत आदि मुख्य बातें लिख लें, विभिन्न तरह के प्रश्नों के लिए कीवर्ड लिख ले कि उस तरह के प्रश्न में आप क्या क्या लिखोगे।
10. करंट अफेयर्स के लिए प्रभावी नोट्स कैसे तैयार करें?
- विश्वसनीय स्रोतों का चयन करें, जैसे कि PIB, The Hindu, और Yojana।
- डेली अपडेट्स पर ध्यान दें और रोजाना 30-45 मिनट करंट अफेयर्स पढ़ें।
- महत्वपूर्ण घटनाओं, तिथियों, और आंकड़ों को संक्षिप्त रूप में लिखें।
- वर्गीकृत करें: नोट्स को अलग-अलग विषयों (जैसे अंतरराष्ट्रीय संबंध, अर्थव्यवस्था, विज्ञान) के तहत व्यवस्थित करें।
- डायग्राम और फ्लो चार्ट का उपयोग करें, जहाँ जरूरी हो।
- साप्ताहिक या मासिक रिवीजन के लिए नोट्स को रिफ्रेश करें।
- मॉक टेस्ट और प्रश्नों के आधार पर नोट्स को संशोधित करते रहें।
10. क्या UPSC एवं स्टेट PCS के नोट्स एकसाथ बना सकते हैं?
हां, आप कई विषयों के UPSC के और स्टेट पीसीएस के नोट्स एकसाथ बना सकते हैं, लेकिन निम्न चीजों का ध्यान रखे:
- UPSC एवं स्टेट PCS सिलेब्स के समानताओं एवं अंतरों को समझना।
- समान विषयों और टॉपिक्स की पहचान करें ताकि आप कॉमन नोट्स बना सकें।
- उन टॉपिक्स के लिए संक्षेप नोट्स बनाएं जो दोनों परीक्षाओं में समान हैं।
- कुछ राज्यों में अधिक फोकस राज्य-विशिष्ट कानून, संस्कृति, और स्थानीय शासन पर होता है। इन पर विशेष ध्यान दें।
- राज्य-विशिष्ट समाचार पत्रों और पत्रिकाओं से राज्य के संदर्भ में वर्तमान घटनाओं को पढ़ें और UPSC की तैयारी में सीखे गए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं से इसे जोड़ें।
- राज्य सरकार की नीतियों, योजनाओं, और वर्तमान घटनाओं का गहन अध्ययन करें। राज्य की आर्थिक स्थिति और विकास परियोजनाओं के बारे में अद्यतित जानकारी रखें।
- UPSC के लिए बनाए गए नोट्स को स्टेट PCS की आवश्यकताओं के अनुसार संशोधित करें। उदाहरण के लिए, भारतीय संविधान पर पहले से तैयार नोट्स को राज्य के संविधानिक विशेषताओं से जोड़ें।
- स्टेट PCS के पाठ्यक्रम में उन टॉपिक्स की पहचान करें जिन्हें अधिक वजन दिया गया है,
- राज्य PCS परीक्षा की तैयारी के लिए विशेष रूप से समर्पित स्टडी ग्रुप्स का हिस्सा बनें। यह आपको अन्य उम्मीदवारों के दृष्टिकोण को समझने और विषयों पर गहन चर्चा करने में मदद करेगा।
- राज्य के विशेष जलवायु और पर्यावरण संबंधी समस्याओं को समझें।
11. रिवीजन नोट्स कैसे बनाएं
UPSC का सिलेबस बहुत लंबा चौड़ा है, इसलिए नोट्स भी बहुत लंबे चौड़े बनते हैं। लेकिन किसी भी UPSC एस्पिरेंट के पास इतना समय नहीं होता कि वह इनको बार बार रिवाइज कर सके। इसलिए रिवीजन नोट्स बनाने बहुत जरूरी है। (अगर आपने शॉर्ट नोट्स बना लिए हैं तो उन्हें बनाना जरूरी नहीं, शॉर्ट नोट्स अपने आप में रिवीजन नोट्स ही है)। रिवीजन नोट्स में क्या क्या एलिमेंट्स होने चाहिए:
- सभी हेडिंग्स एवं सब हेडिंग्स इंक्लूड हो।
- सभी परिभाषाएं अपने शब्दों में शामिल हो।
- टॉपिक्स का विस्तार या डिटेल्स शामिल ना हो, अगर ज्यादा ही जरूरी हो तो केवल संकेत लिख लेवें या उसके लिए डायग्राम बना लेवें।
- महत्त्वपूर्ण तिथियां, रिपोर्ट्स, सर्वेक्षण इत्यादि डाटा हो।
- कुछ महत्त्वपूर्ण करेंट (current) इवेंट्स हो।
12. डायग्राम कैसे बनाएं
नोट्स में डायग्राम इसलिए बनाने चाहिए क्योंकि इससे कॉन्सेप्ट समझना आसान हो जाता है। बाते लंबे समय तक याद रहती है। रिवाइज करते समय डायग्राम देखते ही सारा बैकग्राउंड दिमाग में तुरंत आ जाता है। इसके अलावा आपको जानकारी होगी की आंसर राइटिंग में डायग्राम्स का अहम रोल होता है खासकर सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 4 में। आंसर राइटिंग में डायग्राम बनाने से न केवल आपका उत्तर अच्छा दिखता है बल्कि आप किसी कांसेप्ट को अच्छे से समझा भी पाते हैं।
यहां एक डायग्राम का उदाहरण है कि आपको किस तरह के डायग्राम बनाने चाहिए :

13. माइंड मैप्स कैसे बनाएं
हालांकि माइंड मैप्स भी डायग्राम ही होते हैं लेकिन उससे अधिक माइंड मैप एक विजुअल टूल है जिसका उपयोग विचारों और जानकारी को व्यवस्थित और संक्षिप्त रूप में प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। यह प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में की जा सकती है:
- केंद्र में मुख्य विचार लिखें।
- फिर मुख्य शाखाएँ जोड़ें।
- फिर उप-शाखाएँ जोड़ें।
- विजुअल एलिमेंट्स का उपयोग करें।
- कनेक्शन और लिंक बनाएं।
- संक्षेप और स्पष्टता बनाए रखें।
माइंड मैप का उदाहरण :

14. UPSC स्मार्ट नोट्स कैसे बनाएं
स्मार्ट नाम से ही साफ है, यहां कुछ स्मार्ट करने की बात है। कुछ एस्पिरेंट होते हैं जो सम्पूर्ण विषय पढ़कर, सम्पूर्ण टॉपिक पढ़कर pyq विश्लेषित कर सम्पूर्ण मेहनत के साथ खुद के नोट्स बनाते हैं लेकिन फिर भी उनके नोट्स अधूरे रहते हैं। क्योंकि उन्हें पता ही नहीं होता की वो कितनी गहराई में जाए, कितने पक्षों को कवर करें, वो बस वैसे ही कवर करते हैं जैसा उनका दिमाग कहता है पर वो कोई टॉपर तो नहीं जिनका दिमाग सही ही कहता है? आपको चाहिए कि आप नोट्स बनाने से पहले कई टॉपर्स के नोट्स देखें, उनके शॉर्ट नोट्स देखें, टॉपर्स की आंसर कॉपियां देखें। यकीन मानो आपको इससे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। बहुत से टॉपिक्स आपको टॉपर्स नोट्स से यूं ही उतार लेने हैं। स्मार्ट नोट्स मेकिंग के लिए जानकारियां संक्षिप्त रखें, डायग्राम्स, माइंड मैप्स का स्तेमाल करें, एक टॉपिक के नोट्स केवल एक पेज में लिखें, कम समय में करने के तरीके ढूंढे, टॉपर्स टॉक देखें एवं उनसे स्मार्ट वर्क सीखें।
15. सिलेबस के अनुसार UPSC नोट्स कैसे बनाएं?
UPSC नोट्स सिलेबस के अनुसार बनाने के लिए, सबसे पहले सिलेबस को गहराई से समझें और हर टॉपिक को वर्गीकृत करें। महत्वपूर्ण विषयों और सब-बिंदुओं की पहचान करें, और उन्हें संक्षिप्त और स्पष्ट रूप में नोट करें। विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी को सिलेबस के अनुसार व्यवस्थित करें, और हर टॉपिक के लिए मुख्य बिंदुओं को हाईलाइट करें। नियमित रूप से सिलेबस की समीक्षा करें और आवश्यकतानुसार नोट्स को अपडेट करें। करंट अफेयर्स और महत्वपूर्ण घटनाओं को सिलेबस से जोड़कर अपडेट करें। यह तरीका आपको सिलेबस को कवर करने में सहायक होगा और रिवीजन को प्रभावी बनाएगा।
16. नोट्स को नियमित रूप से कैसे अपडेट करें?
नोट्स को नियमित रूप से अपडेट करने के लिए रोजाना नई जानकारी जोड़ें, खासकर करंट अफेयर्स और हाल की घटनाओं को शामिल करें। साप्ताहिक या मासिक रिवीजन के दौरान नोट्स की समीक्षा करें और आवश्यक सुधार करें। महत्वपूर्ण बिंदुओं को हाईलाइट करें और किसी भी अपडेट या बदलाव को नोट्स में शामिल करें। अपने नोट्स को एक व्यवस्थित प्रारूप में रखें ताकि उन्हें आसानी से अपडेट और रिवाइज किया जा सके।
FAQ: बार बार पूछे जाने वाले प्रश्न
Q. UPSC Cse क्या है?
UPSC (Union Public Service Commission) एक संस्था है जो Cse (Civil Service Exam) परीक्षा करवाती है जिससे ias, ips आदि बनते हैं।
Q. यूपीएससी अध्ययन में टॉपर्स को क्यों फॉलो करें?
टॉपर्स तैयारी के सारे पड़ावों से गुजरे होते हैं इसलिए उन्हें ज्यादा अच्छे से पता होता है कि किस पड़ाव पर कौनसी समस्या आती है। अगर आप उन्हे फोलो करते हैं तो आपको विभिन्न समस्याओं के बारे में जानकारी पहले ही मिल जाती है और आप समस्या आने से पहले ही तैयार हो जाते हैं। आपको कम दिक्कतें झेलनी पड़ती है। सारे पेपर्स का गाइडेंस मिल जाता है, उनके नोट्स मिल जाते हैं।
Q. किसी टॉपिक को कितनी गहराई तक पढ़ें?
किसी टॉपिक को कितनी गहराई से पढ़ना है इसकी समझ केवल PYQ (पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों में पूछे गए प्रश्न) को विश्लेषित करके ही हो सकती है। आपको चाहिए की आप पुराने प्रश्नपत्रों को बार बार पढ़ें बुनियादी समझ, मुख्य मुद्दे, और महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर करें।
Q. किसी टॉपिक को कितना समय दें ?
ये आपके पास उपलब्ध समय पर डिपेंड करता है। आपके पास बहुत सीमित समय है। आपको चाहिए की आप अपनी पूरी तैयारी या जर्नी को अलग अलग समय में बांट ले कि किस पेपर व विषय को तैयारी का कितना समय देना है। फिर जिस विषय के लिए जितना समय मिले उसे उस विषय के विभिन्न टॉपिक्स में बांट ले। अब आपको उतना ही समय देना है जितना समय उस टॉपिक को पूरी जर्नी बांटने पर मिले। आप चाहकर भी उससे ज्यादा समय किसी टॉपिक को नहीं दे सकते हैं। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपसे दूसरे टॉपिक्स छूट जाएंगे।
Q. ऑनलाइन नोट्स कहां बनाएं?
ऑनलाइन नोट्स बनाने के लिए Google Docs, Evernote, Notion, Microsoft OneNote, और Obsidian जैसे टूल्स का उपयोग करें। ये टूल्स क्लाउड-आधारित हैं, जिससे आप अपने नोट्स को कहीं भी, कभी भी एक्सेस कर सकते हैं और उन्हें आसानी से व्यवस्थित, संपादित और साझा कर सकते हैं।
Q. क्या नोट्स बनाना अनिवार्य है
अनिवार्य तो नहीं पर आवश्यक जरूर है। बिना नोट्स बनाएं upsc निकालना बहुत मुस्किल है। नोट्स बनाने से बेहतर रिवीजन, समझ और जानकारी को व्यवस्थित रखने में मदद मिलती है। हालांकि ऐसे भी कई टॉपर है जिन्होंने बिना नोट्स बनाए भी यूपीएससी निकला है लेकिन वो केवल अपवाद मात्र है। हमारी राय में आपको नोट्स बनाने चाहिए।
Q. समय प्रबंधन कैसे करें
UPSC नोट्स बनाते समय टाइम मैनेजमेंट के लिए सिलेबस को समझें, डेली टारगेट सेट करें, फिक्स्ड टाइम स्लॉट में नोट्स बनाएं, संक्षिप्त और सारगर्भित लिखें, डिजिटल टूल्स का उपयोग करें, नियमित रिवीजन करें, और कठिन टॉपिक्स को प्राथमिकता दें। इससे आप समय बचाकर प्रभावी नोट्स बना सकते हैं।
Q. नोट्स को नियमित रूप से कैसे अपडेट करें?
नोट्स को नियमित रूप से अपडेट करने के लिए रोज़ाना पढ़ाई के बाद नए महत्वपूर्ण जानकारी को जोड़ें। करंट अफेयर्स और हाल की घटनाओं के अनुसार अपने नोट्स को संशोधित करें। साप्ताहिक या मासिक रिवीजन के दौरान पुराने नोट्स को ताजा जानकारी से रिफ्रेश करें।
Q. क्या पिछले साल के प्रश्न पत्रों के अनुसार नोट्स तैयार करने चाहिए?
हां, पिछले साल के प्रश्न पत्रों के अनुसार नोट्स तैयार करने से परीक्षा के पैटर्न, महत्वपूर्ण टॉपिक्स और प्रश्नों के प्रकार की बेहतर समझ मिलती है। इससे आप सटीक तैयारी कर सकते हैं और महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
Q. परीक्षा के समय नोट्स को जल्दी रिवाइज करने के तरीके क्या हैं?
परीक्षा के समय जल्दी रिविजन के लिए संक्षिप्त नोट्स, फ्लो चार्ट्स, और पॉइंट्स बनाएं। हाईलाइटर्स और मार्जिन नोट्स का उपयोग करें। महत्वपूर्ण तथ्यों और डेटा के लिए शॉर्टकट शब्दों और संकेतों का उपयोग करें, जिससे तेज़ी से पढ़ाई हो सके।
Q. क्या नोट्स में डायग्राम और फ्लो चार्ट्स का उपयोग करना चाहिए?
हां, नोट्स में डायग्राम और फ्लो चार्ट्स का उपयोग करने से अवधारणाओं की स्पष्टता और समझ बढ़ती है। ये विजुअल टूल्स जटिल जानकारी को सरल बनाते हैं, जिससे याद करना आसान होता है और रिवीजन के दौरान समय बचता है।
Q. UPSC नोट्स बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
UPSC नोट्स बनाते समय सिलेबस को ध्यान में रखें, संक्षिप्त और सारगर्भित लिखें, विश्वसनीय स्रोतों का उपयोग करें, और प्रमुख तथ्यों, आंकड़ों और तिथियों को शामिल करें। नोट्स को नियमित रूप से अपडेट करें और रिवीजन के लिए उन्हें व्यवस्थित रखें।